Why Sensex, Nifty fell on Monday today: ग्लोबल मार्केट में गिरावट की वजह से सोमवार को भारतीय शेयर बाजार भी जबरदस्त गोता लगाया है. शेयर मार्केट में जोरदार गिरावट की वजह से निवेशकों को 15 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है. सेंसेक्स ने जहां 2200 अंक से अधिक का गोता लगा गया. वहीं, निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट देखी गई.


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दुनिया के अन्य देशों के शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बैंक, आईटी, तेल एवं गैस कंपनियों के शेयरों में चौतरफा बिकवाली से बाजार नीचे आया. सेंसेक्स 2222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़क कर एक महीने से अधिक के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ.  वहीं, निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ. 4 जून 2024 के बाद शेयर बाजार में एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है. 


वैश्विक स्तर पर जापान में निक्की 12 प्रतिशत से अधिक टूट गया. पश्चिम एशिया में भी तनाव बढ़ने से बाजार प्रभावित हुआ है. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में भी तेज गिरावट आई है. दुनिया के अन्य बाजारों में भी कमोबेश यही स्थिति रही. 


सेंसेक्स और निफ्टी ने क्यों लगाया गोता?


1) अमेरिका में मंदी की आशंका


शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया कि जुलाई में नौकरी की वृद्धि उम्मीद से अधिक धीमी हो गई. इस वजह से अमेरिका में मंदी की आशंकाएं तेज हो गई. लेबर डिपार्टिमेंट की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने गैर-कृषि क्षेत्र में केवल 114000 नौकरियों की वृद्धि हुई. जो अपेक्षित 175,000 से कम है. जबकि जनसंख्या वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए आवश्यक 200,000 नौकरियों से काफी कम है. इसके अलावा बेरोजगारी दर भी बढ़कर 4.3% हो गई जो तीन साल के उच्चतम स्तर के करीब है.


जापान के शेयर मार्केट में सुस्ती


बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरें 0.25% तक बढ़ाने और बांड खरीद कम करने के बाद निवेशकों को घाटे से बचने के लिए अपनी पकड़ कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इससे अमेरिकी शेयरों में बिकवाली हो रही है और एशिया सहित वैश्विक बाजार प्रभावित हो रहे हैं.


इस बीच जापान का शेयर मार्केट निक्केई 13% की भारी गिरावट के साथ सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. जापान के बाजार इतिहास में साल 2011 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से इतने बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं देखा गया.


3) भू-राजनीतिक तनाव


ईरान और उसके सहयोगी देशों की ओर से इजराइल पर संभावित हमलों को लेकर मिडिल ईस्ट में चिंताएं व्यापत हैं. इस भू-राजनीतिक तनाव का भी बाजार पर असर पड़ा है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चेतावनी दी है कि इजरायल के खिलाफ ईरान और हिजबुल्लाह का हमला सोमवार से शुरू हो सकता है. 


4) ओवरवैल्यूएशन की चिंता


पिछले सप्ताह भारत का बाजार पूंजीकरण और जीडीपी अनुपात 150 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. इसे बफेट संकेतक के नाम से जाना जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में वैल्यूएशन खासकर मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में उच्च स्तर पर बना हुआ है. ऐसे में डिफेंस और रेलवे सेक्टर के ओवरवैल्यूड सेगमेंट पर असर पड़ने की संभावना है.