नई दिल्ली: देश की सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया (Air India) का विनिवेश होना तय है. पिछले कई महीनों से इस सरकारी एयरलाइंस को निजी हाथों में देने की बात चल रही है. लेकिन अब लगने लगा है कि एयर इंडिया को टाटा संस (Tata Sons) खरीद सकती है. राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया को खरीदने के लिए कतार में टाटा समूह (Tata Group) एक मात्र बोलीदाता है, जबकि अंतिम बोली की तिथि मात्र एक महीने दूर रह गई है.


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एकमात्र कंपनी बची है टाटा
एयरलाइन बिजनेस में पहले से मौजूद टाटा समूह ने एयर इंडिया को खरीदने में रुचि दिखाई है, जो किसी समय टाटा के पास ही थी. अन्य बोलीदाताओं के बारे में आगे उचित प्रक्रिया के जरिए पता चल पाएगा. हालांकि वैश्विक स्तर पर विमानन कंपनियां कोविड-19 महामारी और उसके परिणामस्वरूप हवाई यात्रा व पर्यटन में आए व्यवधानों के कारण गंभीर संकट में हैं.


टाटा समूह बोली के लिए आगे बढ़ सकता है, जबकि इसकी संयुक्त उद्यम एयरलाइन, सिंगापुर एयरलाइंस ने कोविड-19 की चिंताओं के कारण एयर इंडिया की बोली से जुड़ने से इंकार कर दिया है. समूह फिलहाल एयरलाइंस को उचित महत्व दे रहा है. बोली की अंतिम तिथि 31 अगस्त है और सरकार इस तिथि को आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.


एयर इंडिया कोविड-19 से काफी पहले से गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है. महामारी के असर ने, खासतौर से उड्डयन क्षेत्र में, कोढ़ में खाज का काम किया है और इसकी वित्तीय स्थिति और खराब हो गई है. टाटा एयरलाइंस और एयर इंडिया से से लेकर विस्तारा और एयरएशिया इंडिया तक टाटा समूह भारत में विकसित हो रहे उड्डयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.


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टाटा एयरलाइंस और लंबे समय से राष्ट्रीयकृत एयर इंडिया से एयरएशिया बरहाद और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के साथ क्रमश: एयरएशिया इंडिया और विस्तारा के लिए रणनीतिक संयुक्त उद्यम तक टाटा ने उड्डयन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है. दोनों संयुक्त उद्यम एयरलाइंस अपने-अपने बिजनेस मॉडल -कम लागत की एयरएशिया और पूर्ण सेवा वाली विस्तारा- पर स्वतंत्र रूप से संचालित होती हैं.


विस्तारा ने 2019 में अपने बेड़े में नौ बोइंग 737-800एनजी विमानों को शामिल कर अपने संचालन का काफी विस्तार किया है और इसके साथ उसके विमानों की संख्या 31 हो गई है, जिससे कंपनी को अपने नेटवर्क में 50 प्रतिशत से अधिक का विस्तार करने में मदद मिली है. (IANS Input)