पहले गुलामी, फिर पाई-पाई को मोहताज, वो `काला सोना` जिसने बदल दी कंगाल कतर की किस्मत,आज हर तीसरा आदमी करोड़पति
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भारत और कतर के बीच मजबूत रिश्तों की एक झलक आज फिर से देखने को मिली। कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगा दी। इस फैसले को भारत की बड़ी कूटनीति जीत के दौर पर देखा जा रहा है। कतर भले ही दुनिया के सबसे छोटे मुल्कों में से एक हो, लेकिन वैश्विक राजनीति, वैश्विक अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली: भारत और कतर के बीच मजबूत रिश्तों की एक झलक आज फिर से देखने को मिली। कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा पर रोक लगा दी। इस फैसले को भारत की बड़ी कूटनीति जीत के दौर पर देखा जा रहा है। कतर भले ही दुनिया के सबसे छोटे मुल्कों में से एक हो, लेकिन वैश्विक राजनीति, वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसका अहम रोल है। भारत के त्रिपुरा राज्य के बराबर क्षेत्रफल वाले इस देश की जनसंख्या भले ही 30 लाख हो, लेकिन इकॉनमी के मामले में यह देश अमेरिका, रूस, चीन, जापान जैसे देशों की कतार में खड़ा है। ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया की बेहतर अर्थव्यवस्था माना है। कतर की अमीरी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वहां प्रति व्यक्ति की आय 51 लाख रुपए से ज्यादा है। हालांकि हालात हमेशा से ऐसे नहीं थे। एक दौर ऐसा भी था, जब कतर गुलामी की मार झेल रहा था, दाने-दाने को मोहताज था। कतर के लोगों के पास दो वक्त की रोटी नहीं थी। आज वो देश दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है।
गुलामी और गरीबी की मार
साल 1930 से 40 तक कतर अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा था। गुलामी झेल रहे कतर की हालात खराब हो चुकी थी। तुर्की और अंग्रेजों की गुलामी झेलने के बाद साल 1971 में उसे ब्रिटेन की गुलामी से आजादी मिली। आजादी तो मिल गई, लेकिन गरीबी ने पीछा नहीं छोड़ा। एक तरफ सऊदी अरब और तीन तरफ से समुद्र से घिरे कतर को जीवन दान मिला उसके विशाल तेल भंडार से।
कैसे अमीर बना कतर
साल 1950 में कतर में तेल के कई विशाल भंडार मिले। इन तेल भंडारों ने कतर की किस्मत बदल दी। तेल की बदौलत कतर में निवेश बढ़ने लगा। साल 1950 में कतर की आबादी 25 हजार से भी कम थी, जो 70 के दशक में एक लाख के पार पहुंच गई। कतर के तेसों ने उसकी अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत कर दिया। तेल के दम पर इस इस्लामिक देश का रुतबा बढ़ने लगा, कारोबार बढ़ने लगा। बड़े देश कतर के साथ जुड़ने लगे। तेल के साथ-साथ गैस भंडार क खोज ने कतर की इकॉनमी को बड़ा बूस्ट दिया। वहीं विशाल समुद्र तट के दाम पर कतर ने अपने मछली कारोबार को इकॉनमी का बड़ा हिस्सा बना दिया। आज कतर नेचुरल गैस सप्लाई के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है।
हर तीसरा आदमी करोड़पति, कोई टैक्स नहीं
तेल और गैस के दम पर कतर में लोगों की कमाई बढ़ने लगी। आज यहां दुबई, सऊदी अरब और अमेरिका से भी ज्यादा अमीर लोग रहते हैं। यहां के प्रति व्यक्ति आय 51 लाख रुपये से ज्यादा है। कतर में हर तीसरा आदमी करोड़पति है। इतना ही नहीं कतर में लोगों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है। यहां छोटे-मोटे नाममात्र के टैक्स के होते हैं। यहां के लोगों को बिजली-पानी, मेडिकल इलाज सब फ्री में मिलता है।