SSBD: IGI एयरपोर्ट पर शुरू हुई नई सर्विस, बैगेज को खुद ही टैग सकेंगे, टाइम भी कम लगेगा
Delhi Airport: SSBD के पास पहुंचने पर यात्रियों को अपने बोर्डिंग पास या फेस स्कैनिंग करनी होगी. इसके बाद आगे जाना होगा. इससे पहले लगने वाले एक मिनट से ज्यादा का समय घटकर महज 30 सेकंड रह गया.
IGI Airport: आईजीआई एयरपोर्ट पर अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि कई बार चेक इन में ज्यादा टाइम लग जाता है. लेकिन अब इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर सेल्फ सर्विस बैगेज ड्रॉप (SSBD) के तहत क्विक ड्रॉप सॉल्यूशन की शुरुआत हुई है. इस सर्विस के शुरू होने के बाद आपको अपने लगेज की महज 30 सेकंड में जांच करा सकेंगे. टोरंटो के बाद
आईजीआई दुनिया का दूसरा ऐसा एयरपोर्ट है, जहां पर इस सुविधा को शुरू किया गया है.
50 एसएसबीडी मशीनों को लगाया गया
एयरपोर्ट मैनेजमेंट की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार टर्मिनल-1 और टर्मिनल-3 पर 50 एसएसबीडी (SSBD) मशीनें लगाई गई हैं. इतना ही नहीं यहां पर यात्री अपना सामान खुद टैग करने के साथ ही बोर्डिंग पास भी प्रिंट कर सकेंगे. पहले आईजीआई एयरपोर्ट पर यात्रियों को एक मशीन पर अपना बोर्डिंग पास और सामान का टैग प्रिंट कराना होता था. इसके बाद वे खुद सामान छोड़ने की जगह (SSBD) जाते थे, जहां सामान रखने से पहले उन्हें पास स्कैन कराना होता था या फेस स्कैनिंग करानी होती थी.
अब पूरा प्रोसेस चंद सेकेंड में पूरा होगा
पूरे प्रोसेस में एक मिनट से ज्यादा का समय लगता था. लेकिन अब यह काम चंद सेकेंड में हो सकेगा. आपको बता दें दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जून 2023 में SSBD मशीन लगाने की घोषणा की गई थी. इसके बाद चीजें पहले से आसान हो गई हैं और यात्रियों को सिर्फ सामान का टैग लेने की जरूरत है. यह वही टैग होगा, जो पहले मिलता था. इसे लेने के बाद सामान सीधे SSBD मशीन पर रखना है. हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि SSBD मशीन के बाद अब यह केवल वन स्टेप वाला काम है.
बोर्डिंग पास या फेस स्कैनिंग करनी होगी
SSBD के पास पहुंचने पर यात्रियों को अपने बोर्डिंग पास या फेस स्कैनिंग करनी होगी. इसके बाद आगे जाना होगा. इससे पहले लगने वाले एक मिनट से ज्यादा का समय घटकर महज 30 सेकंड रह गया. अभी SSBD मशीनें सिर्फ तीन एयरलाइंस एयर इंडिया, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस पर उपलब्ध हैं. DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि इस पहल से यात्रियों का अनुभव पहले से बेहतर होगा. इसके शुरू होने से अब यात्रियों को फ्लाइट लेने के प्रोसेस में कम समय लगेगा.