नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को दो इंजीनियरिंग छात्रों को एक कॉन्फ्रेंस के दौरान चॉकलेट, आलू के चिप्स और पेन जैसी चीजें चुराने के आरोप में कॉलेज प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई करने से राहत दी. हालांकि, कोर्ट ने दोनों छात्रों को दो महीने तक रोजाना दो घंटे सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BITS)-पिलानी, गोवा के छात्रों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि कॉलेज प्रशासन ने कथित तौर पर इवेंट में सामान चुराने पर पकड़े जाने के बाद 50,000 रुपये का जुर्माना वसूलने और उन्हें सेमेस्टर परीक्षाओं में से तीन सेमेस्टर में बैठने से रोकने की सजा सुनाई थी.


पिछले साल नवंबर में, स्टाल से आलू के चिप्स, चॉकलेट, सैनिटाइजर, पेन, नोटपैड, सेलफोन स्टैंड, दो डेस्क लैंप और तीन ब्लूटूथ स्पीकर चुराने के आरोप में पांच छात्रों को पकड़ा गया था. छात्रों ने दावा किया कि उन्हें लग रहा था कि सामान वहीं छोड़ दिया गया है. बाद में, उन्होंने वे चीजें वापस कर दीं और अपने कृत्य के लिए लिखित में माफी मांगी.


हालांकि, मामले के कागजात के अनुसार, संस्थान ने जुर्माना लगाया और सभी आरोपियों को तीन सेमेस्टर में उपस्थित होने से रोक दिया. निर्णय को चुनौती देने पर, संस्थान के निदेशक ने तीन छात्रों के लिए सेमेस्टर में उपस्थित होने पर लगी रोक को रद्द कर दिया; जबकि सभी पांचों छात्रों के लिए जुर्माना बरकरार रखा गया. इसके बाद उन दोनों छात्रों, जिनके सेमेस्टर परीक्षा में उपस्थित होने से रोक लगाई गई थी, उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया.


अपनी अंतिम सुनवाई में, मामले को दो मौकों पर टालने के बाद, संस्थान को सजा पर पुनर्विचार करने में सक्षम बनाते हुए, अदालत ने कहा कि बिट्स-पिलानी के निदेशक इस बात से नाराज थे कि छात्रों ने उनके फैसले के खिलाफ अदालत में हस्तक्षेप करने की हिम्मत की थी. 


अंतिम फैसले में कोर्ट ने निर्देश दिया कि दोनों छात्रों के खिलाफ 50,000 रुपये का जुर्माना बरकरार रखा जाएगा, लेकिन उन्हें तीन सेमेस्टर के बजाय केवल एक सेमेस्टर में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी और साथ ही उन्हें गोवा के एक वृद्धाश्रम में दो महीनों तक सेवा देनी होगी.