12th fail IPS Officer: ऐसी दुनिया जो अक्सर कठिनाइयों और बाधाओं से घिरी हुई दिखाई देती है, इसमें कुछ कहानी सामने आती हैं जो न केवल मोटिवेट करती हैं बल्कि कड़ी मेहनत, समर्पण, सपोर्ट और प्यार की सीमाओं को फिर से डिफाइन करती हैं. ऐसी ही एक रीयल लाइफ स्टोरी है IPS ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा और उनकी पत्नी, आईआरएस ऑफिसर श्रद्धा जोशी की है. एक जर्नी जो लाइफ में आने वाली चुनौतियों के बैकग्राउंड में सामने आती हैं. विक्रांत मैसी और मेधा शंकर स्टारिंग विधु विनोद चोपड़ा की '12वीं फेल' फिल्म में इस कपल की लाइफ को न केवल पर्दे पर उतारा बल्कि उनकी व्यक्तिगत चुनौतियों को भी दिखाया है, यह उनकी लाइफ की जर्नी को दिखाती है. 


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आईपीएस ऑफिसर मनोज शर्मा 12वीं क्लास में फेल हो गए थे, वह सभी सब्जेक्ट में पास हुए थे लेकिन हिंदी में फेल हो गए थे. हालांकि बाद में वह 12वीं में पास हो गए थे. मनोज शर्मा ने आईपीएस अफसर बनने के लिए UPSC पास करने के अपना टारगेट सेट किया. मनोज शर्मा की पत्नी श्रद्धा जोशी, का जन्म 5 मार्च, 1979 को अल्मोडा, उत्तराखंड में हुआ था, अपनी पूरी पढ़ाई के दौरान वह ब्राइट स्टूडेंट थीं. वह 12वीं क्लास में भी मेरिट होल्डर थीं और उन्होंने स्टेट बोर्ड परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की थी, जब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था. हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी में आयुर्वेदिक मेडिसिन और सर्जरी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने चली गईं. उनके माता-पिता दोनों टीचर थे और चाहते थे कि वह एक डॉक्टर बनें. दूसरी ओर, जोशी को उत्तराखंड के एक अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम करते हुए सिविल सेवा के लिए अपनी असली डिजायर का पता चला.


श्रद्धा और मनोज की पहली मुलाकात दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर में हुई, जहां हिंदी साहित्य में श्रद्धा के इंटरेस्ट के कारण एक टीचर ने उनका परिचय मनोज शर्मा से कराया. वह भी उतनी ही प्रभावित हुई जब उसे पता चला कि मनोज ने बिना किसी कोचिंग के प्रीलिम्स पास कर लिया है. अपनी तैयारी के दिनों में दोनों को प्यार हो गया और वे लगातार एक-दूसरे के सबसे मजबूत पिलर के रूप में खड़े रहे, और आखिर में मनोज शर्मा के भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने जाने के बाद इस जोड़े ने शादी कर ली.


2005 में यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद श्रद्धा जोशी को उत्तराखंड में डिप्टी कलेक्टर अपॉइंट किया गया. हालाँकि, अपने पति के सहयोग से, उन्होंने 2007 में दोबारा परीक्षा दी और पास हुईं और वह भी भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हो गईं. वह आईआरएस अफसर बन गईं. लल्लनटॉप के साथ एक इंटरव्यू के दौरान, शर्मा ने श्रद्धा की लाइफस्टाइल के एक पहलू का खुलासा करते हुए कहा, "श्रद्धा का जीवन चाय पर निर्भर है, पहाड़ी आदमी को सोते समय भी चाय चाहिए और उठते समय भी."