IPS Sucess Storyअगर मेहनत की जाए तो किसी भी काम को करते वक्त पढ़ाई की जा सकती है. आज हम एक ऐसे ही जुझारू अफसर की बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी उमेश गणपत खांडबहाले की. महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव के रहने वाले उमेश को 12वीं कक्षा की अंग्रेजी परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा और वह केवल 21 नंबर प्राप्त कर सके. असफलता के बाद, उन्होंने दूध बेचना शुरू किया और कई अन्य नौकरियों में अपने पिता की मदद की.


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फिर भी, भाग्य ने करवट ली और आज वह एक आईपीएस अधिकारी हैं, जो पश्चिम बंगाल के एक जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. उमेश गणपत खंडाबहाले की यात्रा दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का फल है. अंग्रेजी परीक्षा में असफल होने के बावजूद, वह 12वीं क्लास में भी असफल हो गए, जिसके कारण उन्हें औपचारिक शिक्षा छोड़नी पड़ी. उन्होंने रोजाना अपने गांव से नासिक जाकर दूध बेचना शुरू कर दिया.


बाद में उन्होंने ओपन स्कूल शिक्षा के माध्यम से 12वीं क्लास पास की. इसके बाद, उन्होंने साइंस में कॉलेज की पढ़ाई की, बाद में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. आख़िरकार उन्होंने आईपीएस परीक्षा पास कर यूपीएससी परीक्षा में 704वीं रैंक हासिल कर सफलता हासिल की.


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उमेश गणपत खंडाबहाले की जर्नी, "12वीं फेल" के हीरो की तरह, दर्शाती है कि कभी-कभी असफलताएं भी सफलता की सीढ़ी बन सकती हैं. ये कहानियां अनगिनत अन्य लोगों को प्रेरित करती हैं, यह साबित करती हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ, कोई भी किसी भी बाधा को पार कर सकता है और सफलता प्राप्त कर सकता है.


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