बिगड़ते ही जा रहे हालात! दिल्ली-NCR में 5वीं तक ऑनलाइन चलेंगी क्लासेस, 12वीं तक हाइब्रिड मोड स्कूल खोलने के निर्देश
School Closed: दिल्ली-NCR में लगातार खराब हो रही एयर क्वालिटी के कारण स्कूल हाइब्रिड मोड में संचालित किए जाएंगे. बच्चों की सेहत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. पॉल्यूशन के कारण नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली में पहले से ही ऑनलाइन क्लासेस चल रहे हैं.
Delhi-NCR School Closed: दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में एक बार फिर स्कूल खोलने की कवायद शुरू हो गई है, लेकिन लगातार घटती एयर क्वालिटी के कारण अभी तो स्कूल खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं और अगर स्कूल खुलते भी हैं तो पेरेंट्स को बच्चों के लिए तमाम सुरक्षा उपाय करने होंगे. दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में नर्सरी से लेकर 5वीं तक की क्लासेस को ऑनलाइन क्लासेस चलाने के निर्देश मिले हैं. वहीं, छठी से 12वीं तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में संचालित किए जाएंगे. हाइब्रिड मॉडल के मुताबिक जिन बच्चों को स्कूल जाना है, वो सुरक्षा उपायों के साथ स्कूल जा सकते हैं और जिनको ऑनलाइन क्लास करनी है, स्कूल उन्हें ऑनलाइन क्लास प्रोवाइड कराएगा. दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक लेवल पर पहुंच चुका है.
नहीं घटा एयर पॉल्यूशन लेवल
प्रदूषण का स्तर अभी कम नहीं हुआ है, लेकिन यह फैसला लगातार सामने आ रही परीक्षाओं को देखते हुए लिया गया है. एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां प्रदूषण गंभीर लेवल पार पर पहुंचा हुआ है. बढ़ते एयर पॉल्यूशन को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. दिन में मौसम कभी साफ रहता है तो कभी शाम को धुंध छा जाती है, कभी तो दिन निकलते ही धुंध होती है, जो धूप खिलने पर छंट जा रही है, लेकिन दिन में मौसम खराब बना हुआ है. वायु गुणवत्ता की बात करें तो एवरेज 392 एक्यूआई बना हुआ है. आनंद विहार में एक्यूआई 440, रोहिणी में 421 और विवेक विहार में एक्यूआई 419 बना हुआ है. इसी तरह दिल्ली के सभी क्षेत्रों में बुरे हाल है.
दिल्ली-NCR में कैसे खुलेंगे स्कूल?
दरअसल, बीते सप्ताह से लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली समेत पूरे एनसीआर के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने के निर्देश दिए गए थे. बच्चे घर से ही ऑनलाइन क्लासेस अटेंड कर रहे थे, लेकिन लगातार आ रही परीक्षाओं और ऑनलाइन क्लासेस में पढ़ाने को लेकर हो रही दिक्कतों को देखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए छोटे बच्चों को घर से ही ऑनलाइन क्लासेस जॉइन करनी होगी. जबकि, छठी से 12वीं तक के स्टूडेंट्स स्कूल जाकर अपनी क्लासेस अटेंड कर सकते हैं.
ग्रेप 4 रूल्स
ग्रेप 4 के नियम लागू रहेंगे. बच्चे खेलने और अन्य कामों के लिए बाहर नहीं जाएंगे. 10वीं और 12वीं के प्री बोर्ड एग्जाम को देखते हुए भी यह फैसला लिया गया है. जिला प्रशासन स्तर पर स्कूलों के आसपास लगातार पानी का छिड़काव कराया जाएगा और ग्रेप 4 के अन्य नियमों का भी पालन किया जाएगा. लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों को ऑनलाइन करने का फैसला लिया गया था. इस दौरान बच्चों के लिए स्कूल की तरफ से टीचर लगातार ऑनलाइन क्लास ले रहे थे.
मौसम विभाग के मुताबिक अभी आने वाले कुछ दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता दिखाई दे रहा है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
(इनपुट - आईएएनएस)