NEET-UG दिए बिना बनाएं मेडिकल फील्ड में बेहतरीन करियर, ग्रेजुएशन के बाद लाखों-करोड़ों में होगी कमाई!
Career in Medical Field Without NEET-UG: मेडिकल फीस्ड इतनी विशाल है कि स्टूडेंट्स नीट यूजी में शामिल हुए बिना भी इस फील्ड में एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं. कई ऐसे मेडिकल कोर्स हैं, जिसमें बिना नीट यूजी दिए भी एडमिशन लिया जा सकता है और ग्रेजुएशन के बाद लाखों-करोड़ों में कमाई की जा सकती है.
Career in Medical Field Without NEET-UG: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए छात्रों को एकमात्र ऑप्शन लग सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. स्टूडेंट्स बिना नीट यूजी दिए भी मेडिकल फील्ड में करियर बना सकते हैं. बायोटेक्नोलॉजी से लेकर फॉरेंसिक साइंस तक इतने करियर ऑप्शन हैं, जो बायोलॉजी के छात्रों के लिए बेहतरीन साबित हो सकते हैं.
बिना नीट बायोलॉजी स्टूडेंट्स के लिए कोर्स ऑप्शन
1. बायोटेक्नोलॉजी
बायोटेक्नोलॉजी में छात्र B.Sc. या B.Tech. कर सकते हैं. ये कोर्स बायोलॉजी, केमिस्ट्री और बायोटेक्नोलॉजी की डीप नॉलेज प्रदान करते हैं और लेबोरेटरी टेक्निक्स पर जोर देते हैं. इसमें जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, बायोमैथमेटिक्स और बायोफिजिक्स जैसे विषय शामिल होते हैं. इन कोर्स को पूरा करने के बाद आप मास्टर डिग्री या पीएचडी कर सकते हैं.
2. साइकोलॉजी (मनोविज्ञान)
साइकोलॉजिस्ट चिंता, डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान और उपचार में एक्सपर्ट होते हैं. वे लोगों और परिवारों की मानसिक स्थिति सुधारने के लिए काउंसलिंग और थेरेपी करते हैं. इच्छुक उम्मीदवार B.A. या B.Sc. इन साइकोलॉजी कर सकते हैं और भविष्य में साइकेट्रिस्ट या साइकोथेरेपिस्ट बन सकते हैं.
3. फॉरेंसिक साइंस
फॉरेंसिक साइंस क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन में मदद करने के लिए क्राइम सीन से प्राप्त सबूतों का साइंटिफिक एनालिसिस करते हैं. फॉरेंसिक टॉक्सिकोलॉजिस्ट शरीर के टिश्यू और तरल पदार्थों का एनालिसिस करते हैं. B.Sc. या M.Sc. इन फॉरेंसिक साइंस करने के बाद आप फॉरेंसिक साइंटिस्ट, पैथोलॉजिस्ट या टॉक्सिकोलॉजिस्ट बन सकते हैं.
4. न्यूट्रिशन बायोलॉजी
B.Sc. इन न्यूट्रिशन बायोलॉजी में पोषण और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है. इस कोर्स में बायोलॉजी, केमिस्ट्री और न्यूट्रिशन को शामिल किया गया है. ग्रेजुएशन करने के बाद आप सार्वजनिक स्वास्थ्य, हेल्थकेयर या फार्मास्युटिकल फील्ड में काम कर सकते हैं.
5. माइक्रोबायोलॉजी
माइक्रोबायोलॉजी के अंडरग्रेजुएट कोर्स में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस जैसे सूक्ष्मजीवों की स्टडी शामिल है. इसमें जेनेटिक्स, इम्यूनोलॉजी, वायरोलॉजी और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं. इस कोर्स के बाद आप हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, बायोटेक्नोलॉजी और फार्मास्युटिकल जैसे क्षेत्रों में काम कर सकते हैं.
6. लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट टेस्ट करते हैं जो डॉक्टरों को बीमारियों का निदान करने में मदद करते हैं. वे ब्लड, यूरिन और अन्य सैंपल का एनालिसिस करते हैं. B.Sc. इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी करने के बाद आप मेडिकल लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर्स में नौकरी कर सकते हैं.
7. न्यूरोसाइंस
B.Sc. इन न्यूरोसाइंस में नर्वस सिस्टम के कामकाज और इसके कैमिकल व बायोलॉजिकल संबंधों की स्टडी की जाती है. इस कोर्स के बाद आप न्यूरोसाइंस या साइकोलॉजी में पोस्टग्रेजुएशन कर सकते हैं. न्यूरोसाइंस ग्रेजुएट्स बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स और हेल्थकेयर फील्ड में काम कर सकते हैं.
8. फार्मेसी
B.Pharm कोर्स में दवाओं और फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की नॉलेज और ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें फार्माकोलॉजी, मेडिकेशन रिसर्च और पेशेंट काउंसलिंग जैसे विषय शामिल हैं. B.Pharm करने के बाद आप मास्टर डिग्री कर सकते हैं या फार्मा इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं.