नई दिल्ली: येल और मिशिगन जैसी ग्लोबल यूनिवर्सिटी के टॉप कोर्स अब हिंदी में मिलेंगे. ऑनलाइन शिक्षा मंच कोर्सेरा (Coursera) भारतीय शिक्षार्थियों के लिए 4,000 पाठ्यक्रमों का हिंदी में अनुवाद पेश करने जा रहा है. इसी के साथ वह एक नया एआई (AI) फीचर भी पेश करने की तैयारी में है.


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आधिकारिक बयान के अनुसार, येल यूनिवर्सिटी के 'जनरेटिव एआई फॉर एव्रीवन फ्रॉम डीम लर्निंग', एआई, 'द साइंस ऑफ वेल बींग', मिशिगन यूनिवर्सिटी के 'प्रोग्रामिंग फॉर एव्रीबडी' और आईबीएम के 'व्हॉट इज डाटा साइंस' जैसे कोर्स अभी तक सिर्फ इंग्लिश भाषा में ही उपलब्ध थे, लेकिन जल्द ही ये कोर्स अब हिंदी में उपलब्ध होंगे.


आधिकारिक बयान के मुताबिक, टॉप इंडियन इंस्टीट्यूट्स के 40 से अधिक कोर्स जैसे बिट्स पिलानी से इंट्रोडक्शन टू प्रोग्रामिंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (IIM, Ahemdabad) से लीडरशिप स्किल्स और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) से ट्रेडिंग बेसिक्स का फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन और थाई सहित 18 भाषाओं में ट्रांस्लेशन किया जाएगा. इससे शिक्षा के वैश्विक केंद्र बनने के भारत के लक्ष्य को सक्षम बनाने में मदद मिलेगी.


कोर्सेरा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) जेफ मैगीऑनकाल्‍डा ने कहा, "हमने 4,000 से ज्‍यादा पाठ्यक्रमों को हिन्‍दी में अनुवाद करने के लिए एआई का इस्‍तेमाल किया है, जो भारत में छात्रों को डिजिटल फ्यूचर के लिए जरूरी स्किल डेवलप करने में अभूतपूर्व पहुंच और अवसर देगा."


उन्होंने कहा "पाठ्यक्रम नामांकन के मामले में, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. कोर्सेरा के सीईओ जेफ मैगियोनकाल्डा के अनुसार, यह कोविड महामारी का प्रभाव है. "महामारी के दौरान, हमने भारत में जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की थी - 18.6 मिलियन नए शिक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन, जो अमेरिका (17.1 मिलियन) की तुलना में एक मिलियन से अधिक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारतीय किसी भी देश की तुलना में बेहतर नौकरी की संभावनाओं के लिए खुद को बेहतर बनाने के इच्छुक हैं. महामारी से पहले किसी ने नहीं सोचा था कि घर से काम करने की अवधारणा इतनी प्रासंगिक होगी. भारतीयों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन काम किया और खुद को स्किलफुल बनाया."


महाराष्ट्र (4.1 मिलियन), कर्नाटक (2.6 मिलियन) और तमिलनाडु (2.3 मिलियन) जैसे कुछ राज्यों में नामांकन में भारी वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा, "अगर ये कोई राज्य नहीं बल्कि एक देश होते, तो वे 52 प्रतिशत सीएजीआर (CAGR) के साथ कोर्सेरा की लिस्ट में टॉप 10 में होते."


हालांकि, सिर्फ शहर ही नहीं, कुछ दूरदराज के स्थानों के नामांकन भी आश्चर्यजनक हैं. सीएजीआर के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से 800 प्रतिशत, मणिपुर से 710 प्रतिशत, बिहार से 650 प्रतिशत, मिजोरम से 610 प्रतिशत और केरल से 520 प्रतिशत की ग्रोथ है. 


इसे महसूस करते हुए, कोर्सेरा ने भारत में अपने हिंदी भाषी क्षेत्र को टारगेट करने की योजना बनाई है. मैगियोनकाल्डा ने कहा, "यह पहल भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो वैसे भी पाठ्यक्रम में अधिक लचीलापन लाती है और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करती है." उन्होंने कहा कि भविष्य में, वे अन्य भारतीय भाषाओं में और अधिक पाठ्यक्रम लेकर आ सकते हैं.