India Education System: भारत की शिक्षा व्यवस्था में करोड़ों छात्र शामिल हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक, स्कूलों में 26.52 करोड़ और हायर एजुकेशन संस्थानों में 4.33 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. यह सर्वेक्षण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया था. इसका मतलब है कि भारत में अलग अलग स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में कुल 30 करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स रजिस्टर हैं.


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INCREASING ENROLLMENT IN SKILLING INSTITUTIONS


आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि पूरे देश में स्किल डेवलपमेंट संस्थानों में 11 करोड़ से भी ज्यादा लोग पढ़ाई कर रहे हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि भारत युवाओं को बदलती हुई नौकरी की दुनिया के लिए तैयार करने के लिए स्किल डेवलपमेंट पर कितना ज़ोर दे रहा है.


इन बड़े आंकड़ों को देखने से यह पता चलता है कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए बनाई गई नई शिक्षा नीति 2020 कितना बड़ा लक्ष्य है और इसे लागू करना कितना बड़ा काम है. डॉक्यूमेंट में यह कहा गया है कि "ये व्यापक आंकड़े चुनौती की विशालता और भारत के एजुकेशन इकोसिस्टम को बदलने के लिए नई शिक्षा नीति 2020 की अंतर्निहित महत्वाकांक्षा को परिप्रेक्ष्य में रखते हैं."


FOCUS ON LIFELONG LEARNING
नई शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य है कि लोग हर उम्र में सीखते रहें. इसके लिए स्कूल और स्किल डेवलपमेंट संस्थानों को मजबूत बनाया जाएगा ताकि लोग लगातार सीखते और तरक्की करते रहें. ये बहुत जरूरी है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी बनी रहे और भारतीय कर्मचारी दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले बेहतर बने रहें.


HIGHER EDUCATION AND SOCIAL EQUITY
भारत में उच्च शिक्षा नामांकन में शानदार बढ़ोतरी देखी गई है, विशेष रूप से एससी, एसटी और ओबीसी जैसे वंचित वर्गों के बीच.


आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि उच्च शिक्षा में फीमेल एनरोलमेंट वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 2.07 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2015 में 1.57 करोड़ था, जो 31.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है. ये अच्छा संकेत है, इससे पता चलता है कि अब ज़्यादा महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है और उन्हें अच्छी नौकरियां भी मिल सकेंगी.


EARLY CHILDHOOD EDUCATION INITIATIVES
नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) भारत की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव ला रही है. इसका मुख्य लक्ष्य है कि बच्चे तीसरी कक्षा तक आते-आते पढ़ना-लिखना और गणित अच्छे से सीख लें. इसके लिए सरकार "पोषण भी, पढ़ाई भी" कार्यक्रम चला रही है. इस कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों में दुनिया का सबसे बड़ा और बेहतरीन प्री-स्कूल नेटवर्क बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि हर बच्चे को छोटी उम्र से ही अच्छी शिक्षा मिल सके.


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PREPARING FOR FUTURE CHALLENGES
आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि अगले 25 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि युवाओं को अच्छी शिक्षा और ट्रेनिंग दी जाए ताकि वो दुनिया में आगे रह सकें. इसमें नई टेक्नोलॉजी सीखना और कोरोना महामारी की वजह से कम हुई शिक्षा और स्किल्स को पूरा करना भी शामिल है.


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