Luni River Interesting Facts: भारत के अलग-अलग हिस्सों में 200 से ज्यादा नदियां बहती हैं, जो देशवासियों को पीने और अन्य जरूरत का पानी उपलब्ध कराती हैं. ये नदियां करोड़ों भारतीयों की आस्था का केंद्र भी हैं, लेकिन आप क्या भारत में बहने वाली एक ऐसी नदी के बारे में जानते हैं जो रेगिस्तान में बहती है? आज हम आपको थार के मरुस्थल में बहने वाली एक नदी के बारे में बताने जा रहे है...


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भारत में नदियों की है खास जगह  
भारतीय नदियों का इतिहास बहुत पुराना है. यह कहना गलत नहीं होगा कि मानव सभ्यता का जन्म ही नदियों के किनारे हुआ है. भारत की कुछ प्राचीन नदियां आज भी निरंतर अपनी दिशा में बह रही हैं. इनमें गंगा, यमुना, कावेरी और नर्मदा प्रमुख नदियां हैं. भारत के लिए बेहद ही खास हैं. 


दुनिया में ऐसा कौन सा पक्षी है, जो पीछे की तरफ उड़ सकता है? 


राजस्थान में बहने वाली नदी
देश में हर राज्य से एक या एक से ज्यादा नदियां बहती हैं, लेकिन राजस्थान इस मामले में बेहद गरीब राज्य है. यहां बहने वाली किसी नदी के बारे में शायद ही आप जानते होंगे.  हम बात कर रहे हैं लूनी नदी की, जो भारत के थार मरुस्थल में बहने वाली नदी है.  इसका उद्गम अजमेर जिले में लगभग 772 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद नाग पहाड़ या नागा पहाड़ियों से होता है. लूनी नदी को कुछ लोग लवण्वती नदी भी कहते हैं. 


इन जिलों में बहती है
पश्चिमी राजस्थान में बहने वाली इस नदी की लंबाई लगभग 495 किलोमीटर है. यह नदी अजमेर से निकलकर नागौर, जोधपुर, पाली बाड़मेर और जालौर क्षेत्र में लगभग 320 किलोमीटर तक बहती है.  इस जिलों के लिए लूनी नदी जीवनदायिनी है.  कहते है कि लगभग 100 किमी के दायरे तक तो नदी का पानी पीने लायक होता है, लेकिन बाड़मेर के बाद इसका पानी खरा हो जाता है. यहां रेगिस्तान के मिलने में बाद नदी के पानी में नमक के कण मिल जाते हैं, जिससे पानी खरा हो जाता है. 


ऐसा कौन सा जीव है, जो संबंध बनाने के बाद तुरंत मर जाता है? 


कच्छ के रण में विलीन हो जाती है
इसके बारे में कहा जाता है यह एक ऐसी नदी है जो पहाड़ों से तो निकलती है, लेकिन किसी समुद्र में जाकर नहीं मिलती. लूनी नदी राजस्थान और गुजरात से होते हुए कच्छ के रण में विलीन हो जाती है.