IAS Akshita Gupta UPSC Success Story: भारत में हर साल यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है, इस परीक्षा में हर स्ट्रीम के छात्र शामिल होते हैं. करीब 10 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए हर साल रजिस्ट्रेशन कराते हैं, लेकिन उनमें से केवल एक हजार के आस-पास उम्मीदवार ही इस परीक्षा को पास कर आईएएस, आईपीएस व ए ग्रेड लेवल के ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं. वहीं, पिछले कुछ समय में देखा गया है कि इंजीनियरिंग व डॉक्टरी के ज्यादातर छात्र इस परीक्षा में सफलता हासिल कर रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने डॉक्टरी के साथ-साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और उसमें सफलता हासिल कर आईएएस ऑफिसर बन गईं.


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दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस डॉ. अक्षिता गुप्ता की, जो चंडीगढ़ से हैं और उनके पिता पवन गुप्ता पंचकूला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं. वहीं, उनकी मां मीना गुप्ता एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मैथ की लेक्चरर हैं.


अक्षिता ने अपने तीसरे वर्ष में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की और उन्होंने अपना सारा खाली समय यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगाया. दरअसल, अक्षिता परीक्षा की तैयारी के दौरान एक अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम कर रही थीं. उसने अस्पताल में 14 घंटे की शिफ्ट की और 15 मिनट के ब्रेक में यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई की. इसके अलावा मिले खाली समय में भी वह परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करती थीं. इसी तैयारी की बदौलत साल 2020 में अक्षिता ने अपने पहले प्रयास में ऑल इंडिया 69वीं रैंक हासिल यूपीएससी परीक्षा पास कर डाली और आईएएस ऑफिसर बन गईं.


उन्होंने तैयारी के लिए एक प्रभावी रणनीति बनाई और उन विषयों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें वह कमजोर थी. उन्होंने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था "मैंने अपनी सभी मेडिसिन की किताबें लीं और यूपीएससी सिलेबस से संबंधित पन्ने फाड़ दिए. अपनी किताबें फाड़ना दर्दनाक था, लेकिन यह अच्छे के लिए था. मैंने सभी पन्ने लिए, उन्हें स्टेपल किया और चैप्टर बनाए ताकि मुझे हर चीज के लिए नोट्स न बनाने पड़ें. इस तरह, मैंने अपने मेडिकल साइंस ऑप्शनल की तैयारी की."