IAS Namit Mehta Success Story: हम यह सोचकर ही बड़े उत्साहित हो जाएंगे कि कभी कोई कलेक्टर आकर हमें पढ़ा दें. आज हम आपको एक कलेक्टर के बारे में बता रहे हैं, जो स्कूल में सरप्राइज इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे और स्टूडेंट्स की क्लास भी ले डाली. यहां क्लास लगाने से हमारा मतलब डांट लगाने से नहीं, बल्कि पढ़ाने से हैं. हम जिस IAS ऑफिसर की बात कर रहे हैं, उनका नाम नमित मेहता (IAS Namit Mehta) है. आखिर कौन हैं नमित मेहता और कैसा था उनका यूपीएससी क्वालिफाई करने तक का सफर? आइए जानते हैं कि कैसे एक छात्र नेता भारत की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवा में पहुंच गया...


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सबसे पहले तो बता दें कि वह इस समय क्यों सुर्खियों में है, तो बात ऐसी है कि भीलवाड़ा कलेक्टर राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने 11वीं की कॉमर्स स्टूडेंट्स को 'प्राइवेट पब्लिक एंड ग्लोबल एंटरप्राइज' टॉपिक पढ़ाने लगे. इतना ही नहीं कलेक्टर सर ने छात्राओं को अपने शौक को निखारने की भी सलाह दी. 


कौन हैं नमित मेहता? 
नमित मेहता 2012 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. वह जोधपुर के रहने वाले हैं. नमित पाली से विधायक रहे माणक मेहता के पोते और आरएफसी में अधिकारी रहे कमल मेहता के बेटे हैं. 


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कितनी की है पढ़ाई-लिखाई? 
उन्होंने जोधपुर विश्वविद्यालय से कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. वह कॉलेज के दिनों में छात्र नेता और यूनिवर्सिटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी थे. वाइस प्रेसिडेंट बनने के बाद वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और मंजूर था. बताया जाता है कि इस दौरान 2-3 साल चुनाव नहीं होने के कारण नमित ने अपना प्लान ड्रॉप कर दिया. इसके बाद उन्होंने सीए और सीएस का कोर्स पूरा किया. आगे चलकर उन्होंने 2008 में सीए, सीएस और आईसीडब्ल्यूए एक साथ पास की. इस तरह वह चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी भी बन जाते हैं. 


2010 में भी आईएएस में हुआ था चयन 
इसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तब उनकी शादी हो चुकी थी. नमित ने 2010 में फर्स्ट अटैम्प्ट में यूपीएससी में 430वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की, जिसके बाद उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ. हालांकि, वह अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने एक खुद को दूसरा मौका देने के बारे में सोचा. नमित ने दूसरी बार 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दिया और इस बार ऑल इंडिया रैंक 13 हासिल करके इतिहास रच दिया. 


आईएएस नमित मेहता 2012 में कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जैसलमेर बने. इसके बाद उनका ट्रांसफर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, बीकानेर के पद पर हुआ.  इसके अलावा वह पाली के जिला कलेक्टर भी रहे. 


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सैटरडे को फन डे में तब्दील करने की पहल
जानकारी के मुताबिक इससे पहले राज्य सरकार की ओर से घोषित शनिवार को 'नो बेग डे' पर पढ़ाई के बोझ को कम करने के लिए भीलवाड़ा कलेक्टर ने सराहनीय कदम उठाया था. सैटरडे को स्टूडेंट्स के लिए स्कूल फन डे बनाने के लिए कलेक्टर ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के राजकीय स्कूलों में शतरंज को एक सबजेक्ट के रूप में शामिल करने की बड़ी पहल की है.