IAS Shraddha Gome UPSC Success Story: भारत में हर साल कई उम्मीदवार देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करते हैं. इन्ही यूपीएससी टॉपर्स की टिप्स को फॉलो कर हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही टॉपर की प्रेरणादायक कहानी बताएंगे, जिन्होंने अपने एकेडमिक्स में कक्षा 10वीं और 12वीं में टॉप किया, देश के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से गोल्ड मेडल हासिल किया, और इसके अलावा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस ऑफिसर का पद भी प्राप्त किया है.


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10वीं-12वीं में भी किया टॉप
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस श्रद्धा गोमे की, जो एक IAS अधिकारी हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली श्रद्धा को अपनी मां वंदना से प्रेरणा मिली, जो एक होम मेकर हैं. उनके पिता रमेश कुमार गोमे एक रिटायर्ड SBI ऑफिसर हैं. श्रद्धा ने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर के सेंट राफेल एचएस स्कूल से पूरी की है, जहां उन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं दोनों परीक्षाओं में टॉप किया था.


CJI से मिला गोल्ड मेडल
इसके बाद, श्रद्धा ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) दिया और टॉपर बनकर उभरीं, जिससे उन्हें बैंगलोर में प्रतिष्ठित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) में एडमिशन मिला. अपने कॉन्वोकेशन में उन्हें तत्कालीन भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया.


बिना कोचिंग के की यूपीएससी की तैयारी
श्रद्धा की प्रोफेशनल जर्नी उन्हें हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड तक ले गई, जहां उन्होंने लंदन और मुंबई में प्रतिष्ठित यूनिलीवर फ्यूचर लीडर्स प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक लीगल मैनेजर के रूप में काम किया. हालांकि, ग्रेजुएशन करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया और लॉ को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना. अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और बिना किसी कोचिंग के तैयारी की.


हासिल की ऑल इंडिया 60 रैंक
एक इंटरव्यू में, श्रद्धा ने बताया कि उन्होंने शुरू से ही रोजाना 9-10 घंटे पढ़ाई की. उनकी लगन का फल तब मिला जब उन्होंने 2021 में यूपीएससी परीक्षा दी और अपने पहले प्रयास में ही इसे पास कर लिया, जिसमें उन्हें ऑल इंडिया 60 रैंक (AIR 60) मिली.


फिल्में देखते और बैडमिंटन खेलते हुए की UPSC की तैयारी
अपनी कड़ी तैयारी के बावजूद, श्रद्धा ने एक संतुलित जीवनशैली बनाए रखी. उन्होंने बताया, "यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी, मैंने फिल्में देखीं, अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ीं, बैडमिंटन खेला और अपने परिवार के साथ समय बिताया. लेकिन जब मैं पढ़ने बैठी, तो मेरा पूरा ध्यान लगा रहा - कोई टीवी नहीं, कोई मोबाइल नहीं, कोई ध्यान भटकाने वाली चीज नहीं."