IFS Pratiksha Nanasaheb Kale: इस थका देने वाली लंबी जर्नी और लगातार मिलने वाली असफलता किसी को भी तोड़कर रख देती है, लेकिन इन मुश्किल हालातों से लड़कर जीतना वाला हमेशा अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाबी पाता है. हालातों से लड़कर जीतने वाली ऐसी ही एक मिसाल है प्रतीक्षा. वैसे तो हर साल लाखों युवा यूपीएससी की परीक्षा पास करके अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, लेकिन सब अपने इस सपने को हकीकत नहीं बना पाते. सालों की मेहनत और उसके बाद असफलता निराशा लोगों को अपना रास्ता बदलने पर मजबूर कर देते हैं.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कई बार मिली असफलता
महाराष्ट्र के लातूर की रहने वाली प्रतीक्षा की 12वीं तक की पढ़ाई लातूर से हुई है. इसके बाद पुणे के कॉलेज आफ इंजीनियरिंग से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया. इसके बाद नौकरी करने की बजाय प्रतीक्षा ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने का फैसला लिया और पढ़ाई में जुट गईं. प्रतीक्षा ने साल 2015 में  यूपीएससी के पहले अटैम्प्ट में वह सफल नहीं हुई. इसके बाद 2016 और 2017 में भी क्वालिफाई नहीं कर पाई. 2018 में यूपीएससी परीक्षा पास तो कर ली, लेकिन 4 नंबरों से पीछे होने के कारण सिलेक्शन रुक गया. इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2019 में परीक्षा दी.


तैयारी के लिए लिया ब्रेक
प्रतीक्षा ने 2018 में महाराष्ट्र राज्य वन परीक्षा भी दी थी, जिसमें पहले ही प्रयास में सफलता पाई. इसकी ट्रेनिंग के लिए 2019 में उन्हें कोयंबटूर की सेंट्रल एकेडमी फॉर स्टेट फॉरेस्ट सर्विस में भेजा गया. ट्रेनिंग करते हुए प्रतीक्षा यूपीएससी आईएफएस की तैयारी करती रहीं. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए 3 साल का ब्रेक लिया था. 


सबने दी थी पीछे हटने की सलाह
साल 2019 में प्रतीक्षा ने यूपीएससी की सिविल सेवा और भारतीय वन सेवा (IFS) की परीक्षाएं एक साथ दीं. दोस्तों और परिवार वालों का यही सवाल था कि आखिर दो परीक्षाओं का तैयारी एक साथ कैसे करोगी? लेकिन प्रतीक्षा ने ठान लिया था कि वो अपने कदम पीछे नहीं हटाएगी.  आखिरकार वह आईएफएस प्रीलिम्स में पास हो गई, लेकिन मेंस  से ठीक एक हफ्ते पहले उन्हें डेंगू हो गया, जिसके कारण हालत बिगड़ रही थी. 


डॉक्टर ने भी सब छोड़ केवल आराम करने का बोल दिया और घरवालों ने भी यही कहा कि परीक्षा छोड़ दो, लेकिन वह किसी तरह हिम्मत के साथ आगे बढ़ी और इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गई, लेकिन फिर नाकाम रही और मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाईं. इसके बाद 2023 की यूपीएससी परीक्षा में प्रतीक्षा ने इतिहास रच दिया, उन्हें न केवल सफलता मिली, बल्कि सेकंड रैंक हासिल की और आखिरकार वह आईएफएस ऑफिसर बन ही गईं.