GEURS 2025: ग्लोबल एम्प्लॉयबिलिटी यूनिवर्सिटी रैंकिंग (GEURS) 2025 में दस इंडियन यूनिवर्सिटीज ने जगह बनाई है, जिसमें IIT दिल्ली 250 में से 28वें स्थान पर है. इसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) (रैंक 47), IIT बॉम्बे (रैंक 60), IIT खड़गपुर (रैंक 141) और IIM अहमदाबाद (रैंक 160) का स्थान है. रैंकिंग का मतलब है कि ये इंस्टीट्यूट सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले ग्रेजुएट्स तैयार करते हैं. लिस्ट में शामिल अन्य इंडियन इंस्टीट्यूट हैं IIT मद्रास (रैंक 214), दिल्ली यूनिवर्सिटी (रैंक 219), एमिटी यूनिवर्सिटी (रैंक 225), अन्ना यूनिवर्सिटी (रैंक 237) और बैंगलोर यूनिवर्सिटी (रैंक 249).


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हालांकि IIT दिल्ली ने थोड़ी गिरावट दर्ज की है, फिर भी यह इंटरनेशनल एम्प्लॉयर का ध्यान आकर्षित कर रहा है. रैंकिंग एम्प्लॉयर्स द्वारा दिए गए फीडबैक पर आधारित है.


GEURS रैंकिंग फ्रेंच कंसल्टेंसी फर्म इमर्जिंग के डेटा द्वारा तैयार की जाती है. यह दर्शाता है कि एम्प्लॉयर्स ऐसे ग्रेजुएट चाहते हैं जिन्होंने किसी न किसी रूप में वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त किया हो.


ओवरऑल रैंकिंग के संदर्भ में, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Caltech) ने अपनी टॉप 2 पोजीशन बनाए रखी है.


20 में से टॉप 10 पोजीशन अमेरिका और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स (HEI) के पास गए हैं. ऐतिहासिक रूप से, GEURS रैंकिंग में अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन इस साल संख्या स्टेबल हो गई है.


रैंकिंग के अनुसार, टॉप 250 यूनिवर्सिटीज 42 देशों में फैली हुई हैं. एम्प्लॉयर्स ने अपने देश के भीतर और ग्लोबल लेवल पर इंस्टीट्यूट के लिए वोट किया, जो उनकी इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट प्रैक्टिस को दर्शाता है.


जब एशिया की बात आती है, तो GEURS रैंकिंग में टॉप 250 में 52 इंस्टीट्यूट हैं, जो पिछले साल की तुलना में तीन ज्यादा हैं.