UK government’s International Education Champion: ब्रिटिश सरकार के इंटरनेशनल एजुकेशन चैंपियन सर स्टीव स्मिथ ने भारत को "पूर्ण प्राथमिकता" वाला देश घोषित किया है. हाल ही में निर्वाचित लेबर पार्टी की सरकार के तहत देश की इंटरनेशनल एजुकेशन स्ट्रेटजी की समीक्षा की जा रही है. इस सप्ताह लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स कैंपस में 'इंडिया-यूके अचीवर्स ऑनर्स' के तीसरे एडिशन की शुरुआत के मौके पर सीनियर एकेडमिशियन ने दोहराया कि 'ग्रेजुएट रूट' के तहत ब्रिटेन की, पढ़ाई के बाद वर्क वीजा की पेशकश में कोई बदलाव नहीं होगा.


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पढ़ाई के बाद काम एक्सपीरिएंस के मौके भारतीय छात्रों के बीच विशेष रूप से पॉपुलर हैं, जो इस कैटेगरी के वीजा में प्रमुख हैं. एक्सटर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति स्मिथ ने कहा, "यद्यपि हम वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा रणनीति को संशोधित कर रहे हैं, फिर भी मैं यह गारंटी दे सकता हूं कि भारत हमारी दोनों उच्च शिक्षा प्रणालियों, हमारे छात्रों और कर्मचारियों के बीच, तथा सबसे बढ़कर, हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंध विकसित करने में एक पूर्ण प्राथमिकता बना रहेगा."


उन्होंने कहा, "मेरा संदेश बिल्कुल साफ है, अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत है. ब्रिटेन आने वाले छात्रों की संख्या की कोई सीमा नहीं है. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नई सरकार के तहत 'ग्रेजुएट रूट' में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. यह एक बहुत बड़ी लड़ाई थी, लेकिन निष्कर्ष यह है कि इसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है." पिछली कंजर्वेटिव सरकार ने स्वतंत्र प्रवासन सलाहकार समिति (एमएसी) द्वारा ग्रेजुएट रूट की समीक्षा का आदेश दिया था, जिसने निष्कर्ष निकाला था कि पढ़ाई के बाद काम की पेशकश को बरकरार रखा जाना चाहिए.


इंडिया-यूके अचीवर्स ऑनर्स का आयोजन हर साल नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन (एनआईएसएयू) यूके द्वारा किया जाता है, जो सालों से वीजा के पक्ष में अभियान चला रहा है. ये सम्मान यूके सरकार, ब्रिटिश काउंसिल इन इंडिया, यूनिवर्सिटीज यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई), यूके काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल स्टूडेंट अफेयर्स (यूकेसीआईएसए), शेवेनिंग स्कॉलरशिप और लंदन हायर के सहयोग से भारतीय छात्रों और यूके संस्थानों के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों को उजागर करने और भारत-यूके शिक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए डिजाइन किए गए हैं.


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