IRS officer Gender Change: भारत के सिविल सेवा इतिहास में ऐसा शायद पहली ही बार हुआ है कि एक महिला आईआरएस अफसर, जो सेंट्रल एक्साइज कस्टम एक्साइज एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी), हैदराबाद की रीजनल बैंच में जॉइंट कमिश्नर के रूप में तैनात हैं, उन्हें अब मंगलवार 9 जुलाई 2024 से आधिकारिक तौर पर पुरुष सिविल सर्वेंट माना जाएगा.


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वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया जिसके मुताबिक "इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) की साल 2013 बैच की अधिकारी सुश्री एम अनुसूया ने अपना नाम सुश्री एम अनुसूया से श्री एम अनुकथिर सूर्य और लिंग महिला से पुरुष में बदलने का अनुरोध किया है." आदेश में आगे कहा गया है कि "अनुसूया के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है. अब से उन्हें सभी सरकारी डॉक्यूमेंट्स में 'श्री एम अनुकथिर सूर्य' के रूप में जाना जाएगा." "सुश्री एम अनुसूया के अनुरोध को मान लिया गया है."


सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू के आदेश में कहा गया है, अब से, अधिकारी को सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में 'श्री एम अनुकाथिर सूर्य' के रूप में पहचाना जाएगा.


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हैदराबाद ने इस क्षेत्र में कई मिसालें कायम की हैं. जून 2015 में, NALSAR (नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च) यूनिवर्सिटी के बीए एलएलबी लॉ के एक स्टूडेंट ने यूनिवर्सिटी से अनुरोध किया था कि ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट में लिंग की पहचान नहीं की जानी चाहिए. विश्वविद्यालय ने 'सुश्री' के बजाय 'एमएक्स' के सम्मानजनक उपसर्ग के लिए छात्र के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की. छात्र ने कहा कि यह देश में जेंडर फ्लुइडिटी को पहचानने की दिशा में एक छोटा सा पहला कदम है.


लगभग सात साल बाद, मार्च 2022 में, विश्वविद्यालय ने एलजीबीटीक्यू+ स्टूडेंट्स को समायोजित करने के लिए एक हॉस्टल के फ्लोर को एक समावेशी स्थान के रूप में नामित किया.


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