Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और उनके रिश्ते की मजबूती का प्रतीक होता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र (राखी) बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, और बदले में भाई अपनी बहनों को जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देता है. लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर रक्षाबंधन के दिन भाई को अपनी बहन के घर क्यों जाना चाहिए? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, रक्षाबंधन के त्योहार से जुड़ी कई कथाएं और पौराणिक कहानियां हैं, जिनमें राखी बांधने की परंपरा का उल्लेख किया गया है. इसमें से ही एक है मां लक्ष्मी और राजा बली की कहानी. कहा जाता है कि राजा बली एक दानव राजा था. उसमे भगवान विष्णु को प्रसन्न करके अमरत्व का वरदान पा लिया था, जिससे सभी देवी-देवता चिंतित थे. 


तीन पग नाप लिए तीनों लोक
उनकी चिंता को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया और राजा बली के पास भिक्षुक के रूप में गए और कहा कि मुझे तीन पग भूमि भिक्षा में दें. बली ने वामन की याचना को स्वीकार कर ली. तब वामन ने अपने पहले पग में स्वर्ग, दूसरे पग में पृथ्वी को नाप लिया, जिसके बाद बली समझ गया कि ये भगवान विष्णु हैं और उसने तीसरे पग के लिए अपनी देह को समर्पित कर दिया. हालांकि, इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने बली को पाताल लोक का राजा बना दिया और बली के निवेदन पर खुद भी पाताल लोक में ही रहने लगे. 


राखी बांधने के बदले मां लक्ष्मी ने बली से मांगी यह चीज
इससे मां लक्ष्मी परेशान हो गईं, क्योंकि भगवान विष्णु वैकुंठ छोड़कर पाताल लोक में रहने लगे थे. ऐसे में मां लक्ष्मी ब्राह्मण स्त्री का रूप धारण कर पाताल लोक गईं और उन्होंने राजा बली को अपना भाई बनाने की इच्छा व्यक्त की. राजा बली ने खुशी-खुशी उनकी इच्छा मान ली और मां लक्ष्मी ने बली की कलाई पर राखी बांध दी. राखी बांधने के बाद, मां लक्ष्मी ने बली से अपने पति भगवान विष्णु को वापस मांग लिया. राजा बली अपने वचन का पालन करते हुए भगवान विष्णु को वैकुंठ लौटने की अनुमति दे दी. बदले में, बली को अमरता और वैकुंठ लोक में जगह का वरदान मिला.


बहनों की भाई कर घर आकर बांधनी चाहिए राखी
इसलिए यह मान्यता है कि भाईयों को अपनी बहन के घर ना जाकर बल्कि बहनों को भाई के घर आकर उन्हें राखी बांधनी चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी ने भी राजा बली के घर जाकर ही उन्हें राखी बांधी थी.


भैया दूज पर भाई बहन के घर जाकर कराएं तिलक 
इसी तरह से भैया दूज के दिन भाईयों को तिलक करवाने के लिए अपनी बहन के घर जाना चाहिए, क्योंकि यमराज स्वयं अपनी बहन यमुना के पास तिलक करवाने गए थे, जिसके बाद से ही भैया दूज का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है.