Silver Vs Platinum: प्लेटिनम और चांदी दोनों एक सी दिखने वाली धातुएं हैं. वहीं, बात करें इन दोनों धातुओं की तो इनमें प्लेटिनम सबसे ज्यादा महंगा होता है. आइए जानते हैं कि इन एक सी दिखने वाली मेटल्स में कैसे फर्क किया जा सकता है.


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इन दोनों धातुओं को एक साथ रखा जाए तो इन्हें पहचानना जरा मुश्किल होता है. ऐसे में सिल्वर को उस पर लिखे एक नंबर के जरिए पहचाना जा सकता है. दरअसल, ज्यादातर चांदी की चीजों पर 999 नंबर लिखा होता है. इस कोड का अर्थ है कि ये चांदी बिल्कुल शुद्ध है. इसी तरह कुछ और कोड भी होते हैं, जो इस धातु की शुद्धता प्रतिशत की पहचान कराते हैं.  


मान लीजिए कि अगर किसी चांदी पर 925 या S लिखा है, तो इसका मतलब कि यह धातु स्टर्लिंग  सिल्वर है. स्टर्लिंग सिल्वर उस चांदी को कहा जाता है, जिसमें 92.5 फीसदी ही शुद्ध चांदी है. 


इसलिए प्लेटिनम होती है बहुत ज्यादा महंगी...
वहीं, प्लेटिनम की बात करें तो ये बहुत ही महंगा मेटल है. प्लेटिनम, चांदी से काफी अलग होता है. इसके दाम आसमान को छूने की एक वजह यह भी है कि यह धातु पृथ्वी पर बहुत कम मात्रा में पाई जाती है. रही बात प्लेटिनम को पहचानने की, तो आप इस पर लिखे कोड से प्लेटिनम की पहचान कर सकते हैं. प्लेटिनम की गहनों आदि पर  PLAT या फिर PT लिखा होता है.


वहीं, चांदी और प्लेटिनम में आप उनका रंग से भी फर्क पता लगा सकते हैं, क्योंकि चांदी दुधिया सफेद रंग की होती है, जबकि प्लेटिनम हल्का ग्रे कलर का होता है. वहीं, प्लेटिनम ये चांदी से ज्यादा ठोस मेटल है.
 
वहीं, कभी ऐसा अंदेशा हो की सिल्वर को पेंट करके प्लेटिनम की दिखाने की कोशिश की गई है, तो आप इसे घिसकर और एसिड का इस्तेमाल करके आसानी से दोनों में फर्क पहचान सकते हैं. मार्केट में एसिड टेस्टिंग किट भी मिलती है, जिसके जरिए से आप किसी भी ज्वेलरी की शुद्धता का पता लगा सकते हैं. हालांकि, आभूषण तो आपको पुराने और बड़े ज्वेलर्स से ही खरीदना चाहिए. इतना ही नहीं ज्वेलरी खरीदते समय पक्की रसीद लेना और हॉल मार्क चेक करना कभी न भूलें.