Kyrgyzstan Violence: इन दिनों मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान बेहद सुर्खियों में है. इसकी वजह है यहां पढ़ रहे 10 हजार भारतीय छात्र. हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए किर्गिस्तान जाते हैं, क्योंकि वहां एमबीबीएस की पढ़ाई किफायती होने के साथ ही एडमिशन भी आसानी से मिल जाता है.


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अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक क्यों वहां पढ़ने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स का जिक्र यहां किया जा रहा है, तो आपके बता दें कि इस समय वहां भारतीय छात्रों में खौफ का माहौल है. वे अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़कर वापिस भारत लौटना चाहते है. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके कारण वहां रह रहे भारतीयों छात्रों में असुरक्षा की भावना इतनी बढ़ गई....


किर्गिस्तानियों के निशाने पर विदेशी स्टूडेंट्स 
हालांकि, विदेश में भारतीयों के फंसने का मामला कोई नया नहीं है, लेकिन इन दिनों किर्गिस्तान में भारतीय स्टूडेंट्स खतरे में हैं. दरअसल, किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में पिछले हफ्ते स्थानीय चोरों और मिस्र के छात्रों के बीच लड़ाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद मामला और बहुत बिगड़ गया. 13 मई को वायरल हुए लड़ाई के इस वीडियो में पाकिस्तानी और इजिप्ट के स्टूडेंट्स थे, लेकिन उससे स्थानीय लोग इतना भड़क गए कि उन्होंने सभी विदेशी स्टूडेंट्स पर हमला करना शुरू कर दिया.


भारतीय स्टूडेंट्स में खौफ का माहौल
किर्गिस्तान के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स में दहशत का माहौल है. ऐसे में भारत के 10,000 से ज्यादा छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. हमले के 6 दिन बाद भी भारतीय छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में बंद रहने को मजबूर हैं. ऐसे में उन्होंने भारत में रह वाले अपने परिजनों से मदद की गुहार लगाई है. वे अब वतन वापसी करना चाहते हैं. उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए अपनी दास्तां सुनाई है. 


बिश्केक में मध्य प्रदेश के 1200 से ज्यादा छात्र फंसे हैं. उज्जैन शहर के रहने वाले रोहित पांचाल अपने हॉस्टल में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि 13 मई को जो कुछ हुआ, उसके बाद किर्गिस्तानी बहुत उग्र हो गए और उन्होंने हॉस्टल में घुसकर विदेशी स्टूडेंट्स, जिनमें खास तौर पर भारतीय, पाकिस्तानी, इजिप्ट और बांग्लादेशियों को मारना शुरू कर दिया.


लॉकडाउन में हैं इंडियन स्टूडेंट्स
मामला बढ़ता देख स्टूडेंट्स की क्लासेस ऑनलाइन कर दी गईं, लेकिन उन्हें राहत नहीं है. सभी भारतीय स्टूडेंट्स अपने हॉस्टल या फ्लैट में बंद हैं. हालांकि, इंडियन एंबेसी इनके संपर्क में है और उन्हें कमरे के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है. रोहित पांचाल का कॉलेज और हॉस्टल बिश्केक से करीब 20 किलोमीटर दूर कांट शहर में है. दंगे की आग वहां कांट तक फैल गई है. रोहित ने बताया कि उनके टीचर्स भी स्टूडेंट्स की पूरी मदद कर रहे हैं. वहीं, ऑल इंडिया डेंटस स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारत सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. वहीं, कई भारतीय छात्रों के लापता होने की भी खबरें आ रही हैं.