MBA Vs MCA: अगर आप कोई मास्टर डिग्री कोर्स करना चाहते हैं और आपको एमबीए या एमसीए में से कोई एक विकल्प चुनना हो तो शायद आप कंफ्यूज हो जाएंगे. क्योंकि मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन और मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में से किसी एक को चुनने की बात आती है, तो कुछ फैक्टर्स पर ध्यान देना जरूरी है. एमबीए और एमसीए ये दोनों ही कोर्स अलग-अलग स्किल्स सीखने का मौका देते हैं. वहीं, करियर ऑप्शन भी एक से नहीं होते.  यहां जानिए एमसीए और एमबीए के बीच के अंतर, ताकि आप यह तय कर सकें कि कौन सा कोर्स आपके लिए बेहतर होगा और जॉब मार्केट में किसकी ज्यादा वैल्यू है...


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एमबीए कोर्स
एमबीए युवाओं को बिजनेस कॉन्सेप्ट की डीप नॉलेज और मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी को बढ़ावा देता है. इसमें स्टूडेंट्स की इंटेलेक्चुअल , एडमिनिस्ट्रेटिव और लीडरशिप एबिलिटीज पर काम किया जाता है. एमबीए प्रोग्राम्स के तहत इकोनॉमिक, ह्यूमन रिसोर्स, लॉजिस्टिक, कम्युनिकेशन जैसे कई फील्ड में आप पढ़ाई कर सकते हैं. एमबीए की पढ़ाई करने से आपके अंदर डायनैमिक कॉर्पोरेट एन्वॉयरमेंट में लीडरशिप और इफेक्टिव डिसिजन लेने के लिए जरूरी स्किल्स स्ट्रॉन्ग होती है. 
 
एमसीए कोर्स
एमसीए के सिलेबस में मुख्य तौर पर प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस, डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, डेटा संरचनाओं और एल्गोरिदम जैसे कंप्यूटर साइंस सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं. साथ ही आईटी सेक्टर के टेक्नीकल एरिया पर फोकस होता है. युवाओं को फास्ट और सिंपल एप्लीकेशन बनाने के लिए टेक्नोलॉजिकल डिजाइन को क्रिएट करना सिखाया जाता है. 
 
करियर के अवसर
एमसीए के बाद आप सॉफ्टवेयर डेवलपर, डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर, सिस्टम एनालिस्ट और नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर जैसी जॉब प्रोफाइल पर काम कर सकते हैं. एमसीए की डिग्री उन स्टूडेंट्स के लिए बेहतर विकल्प है, जिन्हें एकेडमिक्स और रिसर्च में रुचि है. 


जबकि, एमबीए ग्रेजुएट मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशन्स, कंसल्टिंग और बिजनेस मैनेजमेंट जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर सकते हैं. इन्हें कंपनियों में लीडरशिप पोजिशन्स लिए पसंद किया जाता है.  जो बिजनेस फील्ड में रुचि रखते हैं, एमबीए उनके लिए एक बेहतर ऑप्शन है. 
  
पर्सनल इंट्रेस्ट को दें तवज्जो
अगर आपकी रुचि कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में है, तो एमसीए आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. वहीं, अगर आप बिजनेस में दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही आपमें कम्युनिकेशन और लीडरशिप स्किल्स हैं, तो एमबीए बेहतर विकल्प हो सकता है.


इतनी मिलती है सैलरी
आम तौर पर एमसीए डिग्री होल्डर्स को करियर की शुरुआत में एमबीए ग्रेजुएट्स से ज्यादा सैलरी पैकेज मिलता है. हालांकि, वर्क एक्सपीरियंस बढ़ने के साथ-साथ एमबीए डिग्री होल्डर्स एमसीए ग्रेजुएट्स की अपेक्षा मोटा पैसा कमा सकते हैं.


शुरुआत में एवरेज सैलरी एमबीए ग्रेजुएट्स की  5 से 6 लाख और एमसीए ग्रेजुएट्स की सैलरी 4 से 5 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है.
मिड लेवल पर एमबीए ग्रेजुएट्स की 8 से 10 लाख और एमसीए ग्रेजुएट्स की सैलरी 8 से 9 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है.
टॉप लेवल पर एमबीए ग्रेजुएट्स की 12+ लाख और एमसीए ग्रेजुएट्स का एवरेज पैकेज 10+ लाख रुपये सालाना तक हो सकता है.