Sri Pingali Venkaiah Government Medical College: आंध्र प्रदेश सरकार ने भारतीय ध्वज के डिजाइनर को श्रद्धांजलि देते हुए मछलीपट्टनम के सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर श्री पिंगली वेंकैया सरकारी मेडिकल कॉलेज कर दिया. विशेष मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, एमटी कृष्ण बाबू ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक के प्रस्ताव पर इस आशय का एक सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया.


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सरकारी आदेश में कहा गया है, "राज्य/राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय ध्वज के वास्तुकार पिंगली वेंकैया द्वारा की गई महान सेवाओं को ध्यान में रखते हुए और उनकी विरासत का सम्मान करते हुए मछलीपट्टनम सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर श्री पिंगली वेंकैया सरकारी मेडिकल कॉलेज, मछलीपट्टनम किया जाता है."


इससे पहले 29 अगस्त को जारी आदेश में सरकार ने 10 मेडिकल कॉलेजों के नाम बदलकर सामान्य नाम रखने का फैसला किया था. इन सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मछलीपट्टनम का सरकारी मेडिकल कॉलेज भी शामिल है.


वेंकैया, एक किसान, भूविज्ञानी और मछलीपट्टनम में आंध्र नेशनल कॉलेज में लेक्चरर थे. उनका जन्म 2 अगस्त, 1876 को मछलीपट्टनम के पास भटलापेनुमरु में हुआ था. भारत के लिए एक राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन करना उनकी महत्वाकांक्षा थी. 1916 में उन्होंने 'भारत के लिए एक राष्ट्रीय ध्वज' शीर्षक से एक पुस्तिका प्रकाशित की, जिसमें भारतीय ध्वज के रूप में विकसित होने वाले 30 से ज्यादा डिजाइन पेश किए गए.


वेंकैया ने 1921 में विजयवाड़ा में आयोजित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के एक सेशन के दौरान महात्मा गांधी से मुलाकात की और राष्ट्रीय ध्वज का अपना संस्करण पेश किया.
जापानी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ के कारण उन्हें 'जापान वेंकैया' के नाम से जाना जाता था. कंबोडिया कॉटन पर उनके रिसर्च के कारण उन्हें पट्टी वेंकैया के नाम से भी जाना जाता था. वेंकैया का निधन 1963 में हो गया.


साल 2009 में ही उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया गया.
साल 2014 में ऑल इंडिया रेडियो के विजयवाड़ा स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया और 2021 में आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने उनका नाम भारत रत्न के लिए भी प्रस्तावित किया था.


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