Private School Fee Structure: सभी पेरेंट्स अपने बच्चों की शुरू से ही अच्छी देना चाहते हैं, ताकि नींव मजबूत होगी तो बच्चे का भविष्य भी बेहतर होगा. इसके लिए आजकल प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए मारामारी देखने को मिलती है, क्योंकि एडमिशन प्रोसेस भी बहुत मुश्किल हो गई है. उस पर महंगी फीस भर पाना और भी मुश्किल होता जा रहा है.  इन दिनों स्कूलों की बढ़ती फीस से हर कोई परेशान है. आज किंडरगार्टन की फीस भी बहुत ज्यादा हो गई है. आजकल सोशल मीडिया याके वजह से लोग आसानी से अपनी बातें शेयर कर पाते हैं. ऐसे में अक्सर पेरेंट्स प्राइवेट स्कूलों की फीस से जुड़ी जानकारी पोस्ट करते रहते हैं. इस समय जयपुर के एक शख्स की पोस्ट खूब वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की क्लास 1 का फीस स्ट्रक्चर है शेयर किया है. इसे देखकर हर कोई हैरान रह जाएगा...


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सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को बेस्ट स्कूल में पढ़ने के लिए भेजना चाहते हैं, जिसके लिए वे स्कूल फीस अदा करने के लिए अपनी जरूरतों को भूल कर सबकुछ करते हैं, लेकिन अब बच्चों को अच्छे प्राइवेट स्कूल में भेजना किसी लग्जरी जीने के बराबर ही है. बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के लिए पेरेंट्स को मोटी फीस भरनी पड़ती है, जो कई बार उनके बजट के भी बाहर रहती है. 


पिता ने किया अपना दर्द बयां
हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उनकी पोस्ट को अब तक लाखों यूजर्स देख चुके हैं. जयपुर के रहने वाले ऋषभ जैन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर क्लास 1 का स्कूल फीस स्ट्रक्चर शेयर किया है. ऋषभ की पोस्ट को खबर लिखने तक 1.4 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं. करीब 12 हजार यूजर्स ने पोस्ट को लाइक किया और 2.5 हजार लोगों ने रीपोस्ट किया है. 


इस पोस्ट को पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि अब तक ऋषभ ने अभी अपनी बेटी का इस स्कूल में एडमिशन कराया नहीं है. वह अगले सेशन में उसे स्कूल भेजने की तैयारी में हैं, जिसके लिए शहर भर के अलग-अलग स्कूलों की फीस कंपेयर कर रहे हैं. आपको यह जानकर भी दुख और हैरानी होगी कि ज्यादातर स्कूलों का फी स्ट्रक्चर सेम ही है. 



कम पड़ जाएगी 20 लाख की भी सैलरी
ऋषभ ने आगे लिखा, "बच्चों को शहर के किसी भी स्कूल में पढ़ाने के लिए 20 लाख रुपये पैकेज वाली नौकरी भी कम पड़ जाएगी ईएमआई, टैक्स, खाना-पीना, कपड़े, किराया भरने जैसे जरूरी खर्च पूरे करने के बाद स्कूल फीस जमा कर पाना आसान नहीं होता है. उसमें भी जिन घरों में 2 बच्चे हों तो सेविंग के बारे में सोच पाना भी मुश्किल हो जाता है."