113 New Undergraduate Colleges: देश भर में एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के कदम में, नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने एकेडमिक ईयर 2024-25 के लिए 113 नए ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दे दी है. यह घोषणा मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) द्वारा 3 अप्रैल को जारी एक पूर्व सार्वजनिक नोटिस के बाद की गई है, जिसमें नए यूजी मेडिकल कॉलेजों के लिए आवेदन मांगे गए थे.


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एनएमसी द्वारा 6 जुलाई को जारी एक सार्वजनिक नोटिस के मुताबिक, आयोग ने अपने आवेदनों में दी गई संपर्क जानकारी का उपयोग करके ईमेल के माध्यम से सीधे संबंधित चिकित्सा संस्थानों/ कॉलेजों को अपने निर्णयों के बारे में सूचित किया है. एनडीटीवी के मुताबिक इन संस्थानों को आधिकारिक कम्युनिकेशन प्राप्त होने पर एक तय समय सीमा के भीतर जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.


अतिरिक्त एमबीबीएस सीटों का उद्देश्य इच्छुक मेडिकल स्टूडेंट्स को फायदा पहुंचाना और देश भर में मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी को कम करने में योगदान देना है. 


Here is the list of top 14 approved medical colleges:


  • दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नजफगढ़, दक्षिण पश्चिम दिल्ली

  • स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस, श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल, सीहोर (एमपी)

  • स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश

  • स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश

  • भारत मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पुरुलिया

  • स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज सोसायटी, जिला पुरुष एवं महिला अस्पताल, सुल्तानपुर

  • महात्मा विदुर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बिजनौर, उत्तर प्रदेश

  • देव मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, जयपुर

  • कल्याण सिंह राजकीय मेडिकल कॉलेज, बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश

  • स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय,लखीमपुर खीरी

  • स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज सोसायटी, कौशांबी

  • स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज, गोंडा, उत्तर प्रदेश

  • डॉ बी सी रॉय मल्टी स्पेशलिटी मेडिकल रिसर्च सेंटर, खड़गपुर, पश्चिम मिदनापुर, पश्चिम बंगाल

  • सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जाजपुर, ओडिशा


113 मेडिकल कॉलेजों की पूरी लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें


नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का गठन संसद द्वारा अधिनियमित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के माध्यम से किया गया था. इसके उद्देश्यों में क्वालिटी और सस्ती मेडिकल एजुकेशन तक पहुंच बढ़ाना, पूरे देश में सक्षम मेडिकल प्रोफेशनल्स की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सामुदायिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ न्यायसंगत और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना, डॉक्टर्स द्वारा मेडिकल रिसर्च को अपनाने की सुविधा प्रदान करना और उन्हें मोटिवेट करना शामिल है.