Dr Rupa Yadav Success Story: नीट यूजी 2024 कंट्रोवर्सी के बाद इस साल मेडिकल के मास्टर डिग्री कोर्सेस के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा भी रद्द हो चुकी है. वहीं, हजारों डॉक्टर्स नीट पीजी 2024 की नई तारीखों का इंतजार कर रहे हैं. नीट यूजी के लिए लाखों कैंडिडेटस कड़ी मेहनत करते हैं और देश के मेडिकल कॉलेजों में अपनी सीट पक्की करते हैं. इन्हीं में से एक ऐसी कैंडिडेट की कहानी आपको बताने जा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं डॉ रूपा यादव की, जो जिंदगी के कड़े संघर्षों को पार करके यहां तक पहुंचीं 


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रूपा यादव का डॉक्टर बनने तक का सफर बहुत ही मु्श्किल भरा रहा है, लेकिन उनकी कहानी पढ़कर आपको एक बार फिर यकीन हो जाएगा कि हौसलों के पंख मिल जाएं तो फिर उड़ान को कोई नहीं रोक सकता.


रूपा का हुआ था बाल विवाह 
रूपा की शादी केवल 8 साल की छोटी सी उम्र में अपने से 4 साल बड़े लड़के से कर दी गई थी. उस समय रूपा तीसरी में पढ़ी थीं. हालांकि, उनके ससुराल वालों ने रूपा के सपनों को साकार करने में उनका बहुत साथ दिया. शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखी. रूपा ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भी अच्छे पर्सेंटेज हासिल किया था.


बहू की लगन देखकर ससुराल वालों ने भी नीट की तैयारी के लिए कोटा भेज दिया. मेहनती रूपा ने इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दिया और जी-जान से तैयारी में जुट गई. हालांकि, रूपा को पहली और दूसरी बार में असफलता मिला, लेकिन अपने थर्ड अटैम्प्ट में उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर ही ली. 


सरकारी मेडिकल कॉलेज से की पढ़ाई
साल 2017 में आयोजित रूपा ने नीट यूजी की परीक्षा दी और 603 अंक हासिल किए थे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अच्छे मार्क्स के कारण उन्हें सरकारी कॉलेज में सीट मिल गई. एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की परीक्षा भी पास कर ली और अब वह चिकित्सा अधिकारी बन गईं. वर्तमान में रूपा नागौर जिले के खारिया गांव में स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा अधिकारी के तौर पर काम कर रही हैं. 


नीट पीजी की तैयारी
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के मुताबिक रूपा अभी नीट पीजी की तैयारी में जुटी हैं. वह परीक्षा के लिए पूरी मेहनत कर रही हैं. पेपर स्थगित होने को लेकर रूपा का कहना है कि इससे उन्हें परीक्षा तैयारी के लिए और ज्यादा समय मिल सकेगा.