IAS Padmini Narayan Success Story: देश भर में लाखों उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में इन उम्मीदवारों के लिए पिछले कई सालों के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सफलता की कहानियां प्रेरणा का काम करती हैं. इसी में से एक प्रेरक कहानी है आईएएस पद्मिनी नारायण की, जिन्होंने न केवल भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास किया, बल्कि जॉब करते हुए IAS ऑफिसर का पद हासिल करने में भी कामयाब रहीं. इसके अलावा बता दें कि पद्मिनी नारायण प्रेगनेंसी के दौरान ही जॉब के साथ-साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी कर रही थीं.


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दूसरे प्रयास में मिली सफलता
पद्मिनी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में अपने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 152वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद वह एक IAS अधिकारी बनीं. पद्मिनी के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से अपनी स्कूली शिक्षा हासिल की है. स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने साल 2010 में गुरु गोबिन सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके अलावा पद्मिनी ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन साल 2011-2013 के दौरान गुरुग्राम के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट से पूरी की.


ये थी यूपीएससी क्रैक करने की टेक्नीक 
एक इंटरव्यू के दौरान पद्मिनी ने अपनी यूपीएससी की तैयारी की टेक्नीक साझा की थी. पद्मिनी ने कहा कि जिस समय उन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की, उस समय उन्हें पर्यटन मंत्रालय द्वारा नियुक्त किया गया था. वहीं, एक असफल प्रयास के बाद बेहतर परिणाम के लिए उन्होंने अपनी रणनीति और संसाधन बदल दिए. उन्होंने हर एक विषय के लिए केवल एक पुस्तक से ही तैयारी करने का निर्णय लिया.


करेंट अफेयर्स के लिए रास्ते में पढ़े अखबार
उन्होंने कहा कि जब उन्हें लगा कि तैयारी अच्छे से हो गई है, तब उन्होंने प्रैक्टिस के लिए मॉक टेस्ट देने शुरू किए. पद्मिनी की राय में परीक्षा की तैयारी के लिए उत्तर लिखने का अभ्यास करना काफी महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि जब वह पढ़ती थीं, तो पूरे दिन के लिए टॉपिक सेट कर लेती थी. वह डेली की घटनाओं पर अप टू डेट रहने के लिए अपने कार्यालय जाते समय रास्ते में अखबार पढ़ती थी.


प्रेगनेंसी के कारण सेहत पर भी दिया ध्यान
इंटरव्यू के दौरान पद्मिनी ने यह भी खुलासा किया कि वो प्रेग्नेंट थीं, इसलिए उन्होंने अपनी सेहत पर भी पूरा ध्यान दिया. वह रोजाना 25-30 मिनट का ब्रेक लेती थीं और अपने खाने-पीने पर पूरा ध्यान देती थीं. पद्मिनी के अनुसार, अगर आप आवश्यक प्रयास करने को तैयार हैं, तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.