UPSC परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक के रूप में फेमस है, इसके लिए उम्मीदवारों से तैयारी और समर्पण की जरूरत होती है. हालांकि कई उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए 3-4 अटेंप्ट की जरूरत हो सकती है, लेकिन कुछ कैंडिडेटस ऐसे होते हैं जो पहले ही अटेंप्ट में एग्जाम क्लियर कर लेते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक स्टोरी बताने जा रहे हैं जोकि समर्पण और लगन की मिसाल है. 


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सुचित्र शर्मा जम्मू जिले के बिश्नाह से नौ किमी दूर सालेहर गांव के रहने वाले हैं. जैसे ही सुचित्रा की 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा खत्म हुई, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. जब वह सिर्फ 22 साल के थे, तब उन्होंने अपने पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और देश के सबसे कम उम्र के आईआरएस अधिकारी बन गए.


सुचित्र ने 12वीं की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल रतनुचक से पूरी की. स्कूल के बाद उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया. उन्होंने जीजीएम साइंस कॉलेज से अपनी कॉलेज की डिग्री हासिल की.


न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुचित्र अपने कॉलेज के लिए रोजाना कम से कम 50 से 60 किमी की यात्रा करते थे. कॉलेज में एक लंबे दिन के बाद भी, वह लगन से यूपीएससी कोचिंग क्लास जाते थे, जिससे उनकी एंबिशन  का प्रदर्शन होता था और मोटिवेशन मिलती थी.


2020 में COVID-19 लॉकडाउन के दौरान, सुचित्र ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की. चूंकि लगभग सभी लोग घर पर थे और लॉकडाउन के दौरान उनके पास खाली समय था, शर्मा ने सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी तैयारी करने के लिए इस टाइम का पूरा इस्तेमाल किया. 


आखिरकार उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के 6 दिनों के भीतर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली और आईआरएस (आईटी) अधिकारी बन गए. उनकी अखिल भारतीय रैंक (AIR) 146 थी और वह अपने बैच के सबसे कम उम्र के IRS अधिकारी के रूप में भी उभरे.


सुचित्र शर्मा के पिता मदन लाल शर्मा और माता रितु मंगोत्रा ​​दोनों टीचर हैं. उनकी चचेरी बहन भी एक आईएएस अफसर हैं, और उनकी लाइफ जीवन में हमेशा एक मोटिवेशन बनी रही हैं.