IAS Meghashree D R: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन हर साल भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के साथ-साथ भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और केंद्रीय सेवाओं, ग्रुप 'ए' और ग्रुप 'बी' के लिए परीक्षा आयोजित करता है. इसमें बेहद टफ कॉम्पिटिशन होता है, क्योंकि करीब 1099 सीटों के लिए लाखों में से योग्य उम्मीदवार चुने जाते हैं. जाहिर सी बात है इतनी मेहनत करके देश की सबसे प्रतिष्ठित नौकरी करने वाले इन ऑफिसर्स का रुतबा ही अलग होता हैं. इनके ओहदे की पावर के आगे बाकी सब फीके होते है.


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हाल ही में इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमें उस समय देखने मिला जब, एक आईएएस ऑफिसर के सामने देश की सबसे मशहूर पॉलिटिकल पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने खड़े होकर नामांकन दाखिल किया.  बता दें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. इसके बाद से ही लोग इस आईएएस ऑफिसर के बारे में जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं. चलिए जानते हैं कौन हैं ये लेडी आईएएस ऑफिसर और कहां से पढ़ाई-लिखाई की है....


कहां से हुई है मेघश्री की पढ़ाई-लिखाई? 
हम बात कर रहे हैं वायनाड की कलेक्टर और डीएम मेघश्री डी आर की, जो 2017 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं. मेघश्री कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के डोड्डेरी नामक गांव के एक साधारण परिवार से आती हैं. उनके माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं. मेघश्री ने बेंगलुरु के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, चित्रदुर्ग, प्री-यूनिवर्सिटी और ग्रेजुएशन (सीएसई) में स्कूली शिक्षा पूरी की. साल 2011 में कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करना शुरू किया. इसके बाद नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अगस्त 2014 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की, लेकिन यूपीएससी 2015 में प्रीलिम्स क्लियर  नहीं हुआ. आखिरकार मेघश्री ने सच्ची लगन और अपनी मेहनत की बदौलत सफलता हासिल कर ही ली.


क्या थी आईएएस चुनने की वजह? 
वेबसाइट इनसाइट आईएएस पर मेघश्री ने अपने यूपीएससी के सफर के बारे में लिखा हैं. आईएएस चुनने की पीछे मेघश्री अपनी वजह बताती हैं कि उनका स्कूल डीसी ऑफिस के बगल में था, जहां अधिकारियों से मिलने के लिए लोगों की काफी भीड़ लगी होती थी. उनके पिता बताते थे कि लोगों की सेवा करने के लिए डीसी के पास कितना पावर और अवसर हैं.  ऐसे में मेघश्री हमेशा से ही आईएएस के प्रति आकर्षित थी, लेकिन उनके अंदर यह साहस और आत्मविश्वास नहीं था कि उन्हें इसमें सफलता मिल पाएगी. ऐसे में 3 साल की आईटी सेक्टर में नौकरी के बाद उन्होंने इस बारे में सोचा कि उन्हें अपने करियर से क्या चाहिए, जिसके बाद उन्होंने कई बातें लिखीं और फिर इनकी लिस्टिंग की. 


ऐस करियर जिसमें अवसरों के साथ हो चुनौतियां 
इसके बाद उन्होंने अपना लक्ष्य बना लिया कि वह लोगों के जीवन में बदलाव लाने में और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचकर उनकी सेवा करने में सक्षम बनना चाहती हैं. इसके अलावा वह एक ऐसा करियर ऑप्शन चाहती थीं, जिसमें सीखने और सुधार करने के ढेर सारे अवसरों के साथ ही चुनौतियां भी हों. अब मेघश्री एक ऐसा काम करना चाहती थी, जिसमें संतुष्टि के साथ ही जॉब सिक्योरिटी भी मिले.


इन सब सवालों के जवाब मेघश्री भारतीय प्रशासनिक सेवा के तौर पर मिला. इसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि आईएएस में ये सब और इसके अलावा और भी बहुत कुछ पाने का अवसर मिलता है. अपने परिवार से चर्चा करने के बाद मेघश्री ने आईएएस के लिए गंभीरता से प्रयास करने का फैसला लिया और इसे सही साबित किया. मेघश्री ने यूपीएससी सीएस 2016 में एआईआर 289  के साथ सफलता हासिल की थी.


वायनाड का चार्ज लेने से पहले आईएएस मेघश्री डी आर राज्य एससी और एसटी विकास विभाग की निदेशक थीं.  इससे पहले उप कलेक्टर कान्हांगड, कासरगोड और जिला विकास आयुक्त कन्नूर जैसे प्रमुख पदों पर काम कर चुकी हैं.