Tejas Krishna Prasad UPSC Success Story: कोविड-19 महामारी ने दुनियाभर में काफी तबाही मचाई थी. महामारी के दौरान लाखों लोगों की जानें चली गईं. वहीं, इसी बीच दुनिभर में होने वाले सभी स्पोर्ट्स इवेंट्स पर भी रोक लग गई थी, जिसने कई खिलाड़ियों के करियर को समाप्त कर दिया. हालांकि, बेंगलुरु के निशानेबाज तेजस कृष्ण प्रसाद, जो टोक्यो ओलंपिक के संभावित खिलाड़ियों में से एक थे, उनके लिए यह व्यवधान एक वरदान के रूप में आया, क्योंकि उन्होंने इस दौरान परेशानी से घबराने के बजाय एक सिविल सेवक बनने के सपने को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाया. मंगलवार को एयर राइफल निशानेबाज तेजस कृष्ण प्रसाद ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2023 उत्तीर्ण की और उन्हें इसमें 243वां स्थान मिला है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

खिलाड़ी होने के कारण फोकस करना हुआ आसान
उन्होंने कहा "एक खिलाड़ी होने के नाते मुझे अपना ध्यान केंद्रित रखने और अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा में सफल होने में मदद मिली. पिछले साल की कट-ऑफ के आधार पर मुझे लगता है कि मुझे आईएएस मिलेगा - जो मेरी पहली पसंद है. 


इंटरव्यू में पूछे गए यह सवाल
तेजस ने मीडिया को बताया, ''उनसे यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान भी ज्यादातर सवाल स्पोर्ट्स के बारे में ही किए गए थे. मुझसे मेरे शूटिंग करियर के बारे में पूछा गया था कि हम भारत में खेलों को कैसे बेहतर बना सकते हैं. मेरा एक शौक एथलीटों की आत्मकथाएं पढ़ना था, इसलिए चेयरपर्सन ने पूछा कि क्या मैंने आंद्रे अगासी की आत्मकथा 'ओपन' किताब पढ़ी है. फिर उन्होंने मुझसे पूछा अगर मैं उनसे (अगासी) ट्रेन में मिलता, तो तीन सवाल पूछता और अगर मैं अगासी होता तो उनके जवाब भी पूछता. यह एक दिलचस्प सवाल था.''


तेजस ने कहा "मेरा इंटरव्यू लगभग 25 मिनट तक चला, लेकिन शील वर्धन सिंह की अध्यक्षता वाले पैनल के सदस्य सौहार्दपूर्ण थे और यह वैसा कुछ नहीं था जैसा आपने फिल्म '12वीं फेल' में देखा था. मैं इंटरव्यू में शामिल होने से घबराया नहीं था. कई बार ऐसा हुआ जब मुझे उत्तर नहीं पता था, लेकिन मैंने कहा 'मुझे नहीं पता' और वे आगे बढ़ गए."


तेजस से यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपना ध्यान सिविल सेवाओं की ओर कब लगाया, तो उन्होंने कहा: "जब कोविड शुरू हुआ तो कोई प्रतियोगिता नहीं थी और तभी मैंने सोचा कि मुझे इसे आजमाना चाहिए. शुक्र है, मैं इसे दो प्रयासों में पास करने में सफल रहा. एक बार भारतीय टीम टोक्यो के लिए चुने जाने पर मैंने शूटिंग से हटकर अपनी तैयारियों पर ध्यान देना शुरू कर दिया. ऑनलाइन कोचिंग के अलावा मुझे विनय कुमार से भी मदद मिली, जो मेरे गुरु थे.''


ये था ऑप्शनल सब्जेक्ट
रिटायर्ड बिजनेसमैन टी कृष्णा प्रसाद और शैलजा के बेटे, तेजस, जिन्होंने सीएसई के ऑप्शन सब्जेक्ट के लिए इंटरनेशनल रिलेशन और पॉलिटिकल साइंस को चुना, लेकिन वह महामारी के कारण परीक्षा में सफल नहीं हो पाए. उन्होंने कहा, "मेरी मां मुझे सिविल सेवाओं के लिए लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित करती थीं और तभी कोविड-19 ब्रेक आ गया. अगर प्रतियोगिताएं अभी भी हो रही होतीं, तो मैं ब्रेक नहीं लेता."


मां ने किया UPSC के लिए प्रेरित
श्री कुमारन पब्लिक स्कूल और आरवी कॉलेज से तेजस ने बीई (BE) की पढ़ाई पूरी की. तेजस ने अपनी मां, जो एक एक्साइज इंस्पेक्टर हैं और एक शौकीन निशानेबाज थीं, उनसे प्रेरित होकर शूटिंग शुरू की. कोच राकेश मैनपत के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लेने वाले तेजस ने कहा "मैंने 2014 में शूटिंग की शुरुआत की थी. मैं 2016 में जूनियर इंडिया टीम में था. साल 2019 तक, मैं भारत में नंबर 4 था और बीजिंग और म्यूनिख, दोनों विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया था. मैं 2018 से 2020 तक सीनियर टीम का हिस्सा था."


यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक सिविल सेवक के रूप में शूटिंग जारी रखेंगे, तेजस ने कहा: "बेशक. एक समय के बाद, हमें तैयारी के लिए बहुत अधिक समय की आवश्यकता नहीं है. शायद 2-3 घंटे और वह मुझे मिल जाएगा. सुहास यतिराज सर (एक बेंगलुरुवासी) जो आईएएस में कार्यरत हैं, उन्होंने पैरालंपिक बैडमिंटन पदक जीता है और मैंने उनसे बात की और उन्होंने मुझे स्पष्ट रूप से हां कहा कि मैं यह कर सकता हूं.