Which Engineering Branch Has Low Job Opportunities: इंजीनियरिंग की कुछ ब्रांच में छात्रों के लिए नौकरी पाना अन्य ब्रांच की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है. यह चुनौती विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे इंडस्ट्री की डिमांड, टेक्निकल डेवलपमेंट और जॉब मार्केट में बदलाव. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसी इंजीनियरिंग ब्रांचों के बारे में बताएंगे, जहां एक ग्रेजुएट के लिए नौकरी पाना काफी मुश्किल होता है.


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1. सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
सिविल इंजीनियरिंग की फील्ड काफी ट्रेडिशनल और स्टेबल मानी जाती है, लेकिन यह ब्रांच छात्रों के लिए नौकरी पाने में चुनौतियां पेश करती है. सरकारी नौकरी के अवसर कम होते जा रहे हैं, जबकि प्राइवेट सेक्टर में नए प्रोजेक्ट्स और कंस्ट्रक्शन फील्ड की मंदी के चलते अवसर सीमित हो जाते हैं. इसके अलावा, इस फील्ड में अक्सर एक्सपीरियंस की मांग की जाती है, जिससे नए ग्रेजुएट्स को नौकरी पाने में कठिनाई होती है.


2. मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की फील्ड भी बहुत कॉम्पिटिटिव है, क्योंकि इसमें हर साल बड़ी संख्या में छात्र ग्रेजुएट होते हैं. ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी बदलाव के चलते नौकरियों की संख्या घटती जा रही है. इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के कारण मैकेनिकल इंजीनियरिंग से जुड़ी नौकरियों में भी कमी आई है.


3. एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग (Aeronautical Engineering)
एरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में नौकरी पाना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस फील्ड में अवसर सीमित होते हैं, और जॉब मार्केट भी मुख्य रूप से सरकारी संस्थानों या कुछ विशेष कंपनियों तक ही सीमित रहता है. प्राइवेट कंपनियों में अवसर तो होते हैं, लेकिन वहां सेलेक्शन प्रोसेस काफी कठिन और कॉम्पिटिटिव होता है.


4. बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग (Biotechnology Engineering)
बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एक उभरती हुई फील्ड है, लेकिन इसके बावजूद इस फील्ड में नौकरी पाना आसान नहीं है. रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़े होने के कारण इसमें सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के अवसर सीमित हैं. ज्यादातर छात्रों को रिसर्च फील्ड में जाना पड़ता है, और इसमें अच्छी नौकरियों के लिए हायर एजुकेशन और एक्सपीरियंस की आवश्यकता होती है.


5. मरीन इंजीनियरिंग (Marine Engineering)
मरीन इंजीनियरिंग में रोजगार के अवसर भी सीमित होते हैं, क्योंकि यह स्पेशल फील्ड है और केवल कुछ कंपनियां ही इस सेक्टर में एक्टिव हैं. इसमें नौकरी पाने के लिए बहुत कॉम्पिटिशन होता है, और इसके साथ ही समुद्री क्षेत्र में काम करने की कठिनाइयों और जोखिमों के कारण कई छात्र इसे कम प्रेफरेंस देते हैं.


हालांकि हर ब्रांच में चुनौतियां होती हैं, लेकिन सही स्किल, ट्रेनिंग, और इंडस्ट्री की समझ के साथ इन ब्रांच में भी सफलतापूर्वक करियर बनाया जा सकता है.