National Apprenticeship Training Scheme: भारत सरकार एजुकेशन फील्ड में कई बड़े और बेहतरीन बदलाव की ओर अग्रसर है. इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि युवाओं को नॉलेज के साथ ही रोजगार के भी अच्छे अवसर मिल सके. इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने स्टूडेंट्स के लिए एक योजना निकाली है. इसके तहत यूजीसी की ओर से नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS 2.0) लॉन्च कर दी गई है, जिसके लिए स्टडेंट्स पोर्टल nats.education.gov.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 


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यह स्कीम स्टडेंट्स की अप्रेंटिसशिप (Apprenticeship) के अवसरों तक आसानी से पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से लॉन्च की गई है.  इस ट्रेनिंग स्कीम के तहत 6 महीने से लेकर एक साल तक के लिए बैचलर्स, डिप्लोमा होल्डर्स और प्रोफेशनल सर्टिफिकेट होल्डर्स को व्यावहारिक 'ऑन-जॉब ट्रेनिंग' (OJT) आधारित स्किल अपॉर्चुनिटी दी जाती है.  


एनएटीएस 2.0 का उद्देश्य


एनएटीएस 2.0 पोर्टल के जरिए कैंडिडेट्स को अप्रेंटिसशिप के अवसर के लिए सुटेबल एम्पलॉयर तलाश करने में मदद मलेगी. साथ ही यह उन्हें अप्रेंटिसशिप से संबंधित सभी एक्टिविटीज जैसे रजिस्ट्रेशन और एप्लीकेशन, वैकेंसी नोटिफिकेशन, कॉन्ट्रैक्ट निर्माण, सर्टिफिकेशन और स्टाइपेंड आदि के लिए व्यापक समाधान भी देगा. अप्रेंटिसशिप के लिए स्टाइपेंड रूल्स के मुताबिक लागू होगा और पोर्टल के जरिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से दिया जाएगा.  


यूजीसी के एक ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक यह पहल एनईपी 2020 के अनुरूप है, जो छात्रों के लिए वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल मोबिलिटी की सुविधा के लिए सामान्य शिक्षा के साथ वोकेशनल एजुकेशन को इंटीग्रेट करने पर जोर देती है.


आधिकारिक बयान के अनुसार, "एनएटीएस पोर्टल प्लेसमेंट और उद्योग के रुझानों पर मूल्यवान डेटा अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और पूर्ण प्रशिक्षुता के लिए मान्यता प्राप्त प्रमाणन प्रदान करेगा, कौशल अंतर को कम करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र नौकरी के लिए तैयार हैं."


जानिए एनएटीएस 2.0 के बारे में 


एनएटीएस कार्यक्रम क्रेंद्र के राष्ट्रीय प्रमुख कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य युवाओं को विभिन्न विषयों में कौशल प्रदान करना था. एनएटीएस 2.0 पोर्टल हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स को भी लाभान्वित करेगा. इससे स्टूडेंट्स को एम्पलॉयर्स से जुडे़ंगे और रिलेवेंट स्किल, प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस के जरिए अपनी रोजगार क्षमता को बढ़ा सकेंगे.