UPSC Succcess Story: कभी-कभी दोस्ती ऐसी होती है कि वह हमारे जीवन की दिशा ही बदल देती है. आज हम आपको तीन ऐसे दोस्तों की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनकी दोस्ती ने उन्हें न सिर्फ एक-दूसरे का साथ दिया बल्कि उन्हें देश सेवा के उच्च पद पर भी पहुंचाया. 


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एक साथ पढ़ाई, एक साथ सफलता
साद मियां खान, विशाल मिश्रा और गौरव विजयराम कुमार ये तीन नाम हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी कहेंगे कि दोस्ती अगर हो तो ऐसी. ये तीनों दोस्त एक साथ पढ़ाई करते थे, एक साथ हंसते-खेलते थे और अंत में एक साथ ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस ऑफिसर का पद हासिल कल लिया.


कैसे हुई इनकी दोस्ती?
साद मियां खान यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने कानपुर से अपने दोस्त विशाल के साथ बीटेक की डिग्री हासिल की थी. दोनों की दोस्ती साल 2007 में हुई थी. बाद में दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी मुलाकात गौरव से हुई और तीनों गहरे दोस्त बन गए. 


IAS की रैंक पाकर भी चुना IPS
साद मियां खान ने पहली बार साल 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें वह फेल हो गए. इसके बाद वह चार बार यूपीएससी सीएसई में शामिल हुए, लेकिन साल 2017 में वह अपने पांचवें प्रयास में इस परीक्षा को पास करने में सफल हो गए. परीक्षा में उन्होंने ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन यूपीएससी में इतनी अच्छी रैंक हासिल करने के बावजूद साद ने आईएएस की जगह आईपीएस (IPS) का पद चुना.


इंटरव्यू में दोस्तों को दिया तैयारी का श्रेय
वहीं, गौरव विजयराम कुमार ने साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. जिसमें उन्होंने 34वीं रैंक हासिल की थी. एक इंटरव्यू में जब गौरव से उनकी तैयारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं अपने दोस्तों के साथ सभी योजनाओं, मुद्दों और सवालों पर चर्चा करता था. उन्होंने बेहतर रणनीति बनाने में मेरी बहुत मदद की."


मेंस परीक्षा के लिए नहीं थे तैयार
आपको बता दें, गौरव ने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी. अपने पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली. उन्होंने कहा, "शुरुआती प्रयास में, मैं मेंस परीक्षा के लिए अच्छी तरह से तैयार नहीं था और बाद के प्रयास में मुझे जनरल स्टडीज के पेपर में अच्छे अंक नहीं मिले."


ऐसे आईएएस बने विशाल
आईएएस विशाल मिश्रा उत्तराखंड से हैं और उन्होंने कानपुर में साद मियां खान के साथ पढ़ाई की है. वह पेशे से इंजीनियर हैं और उन्होंने आईआईटी कानपुर से एम.टेक की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. यूपीएससी सीएसई 2017 में उन्होंने 49वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की, जिसके बाद वह आईएएस अधिकारी बन गये.