Punjab Civil Services Exam: पंजाब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब सिविल सेवा (पीसीएस) परीक्षा के लिए सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (सीएसएटी) को क्वालीफाइंग पेपर बनाने की मांग की है ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके. आइए जानते हैं कि सीएसएटी क्या है और पीसीएस उम्मीदवार क्यों नहीं चाहते कि फाइनल मेरिट के लिए एग्जाम के मार्क्स को गिना जाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीसैट क्या है?
CSAT पंजाब लोक सेवा आयोग (PPSC) द्वारा आयोजित PCS परीक्षा का हिस्सा है. परीक्षा दो पार्ट में बांटा है: प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा. प्रारंभिक परीक्षा में दो सेक्शन शामिल हैं: सामान्य अध्ययन और CSAT.


पंजाब में CSAT को उम्मीदवारों की एनालिटिकल स्किल, लॉजिकल रीजनिंग और समझ क्षमताओं का आकलन करने के लिए एक एप्टिट्यूड टेस्ट के रूप में डिजाइन किया गया है. यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसका उद्देश्य मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करना है.


कांग्रेस ने क्या मांग की है?
द इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम के मुताबिक पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा है कि सीसैट को पीसीएस परीक्षा के लिए क्वालिफाईंग पेपर होना चाहिए, न कि फाइनल मेरिट के लिए गिना जाना चाहिए.


कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस फैसले की घोषणा में किसी भी तरह की देरी से यह धारणा मजबूत होगी कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पंजाब के युवाओं की आकांक्षाओं की जगह "अनएथिकल लॉबी" का साथ दे रही है.


उन्होंने कहा कि वह पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे हजारों मेहनती कैंडिडेट्स की ओर से लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर सीसैट को भी क्वालिफाइंग पेपर होना चाहिए.


बाजवा ने लिखा, "यह देखना निराशाजनक है कि सरकार द्वारा गठित समिति और यहां तक ​​कि पीपीएससी की ओर से भी मजबूत सिफारिशों के बावजूद इस वैध मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है. विपक्ष में रहने के दौरान आपकी पार्टी ने इस मांग का मुखर समर्थन किया था, इसकी निष्पक्षता और मौजूदा व्यवस्था के तहत छात्रों को होने वाली अनुचित कठिनाई को स्वीकार किया था. अब जब आप निर्णायक रूप से काम करने की स्थिति में हैं, तो हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप अपने सिद्धांतों पर कायम रहें और इन उम्मीदवारों से किए गए वादों को पूरा करें."


सीसैट विवाद की बैकग्राउंड क्या है?
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 2011 में नागरिक सेवा परीक्षा में इसे लागू करने के बाद पीसीएस के प्रारंभिक फेज में जनरल स्टडीज के साथ सीसैट को जरूरी बना दिया गया था. यूपीएससी ने 2015 में स्टूडेंट्स, खासकर ह्यूमैनिटीज बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स की मांग पर इसे क्वालीफाइंग पेपर बना दिया, लेकिन पंजाब ने अभी तक इसका पालन नहीं किया है.


2016 में, PPSC ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर PCS परीक्षा के लिए CSAT को केवल क्वालीफाइंग पेपर बनाने को कहा था. इसे क्वालीफाइंग परीक्षा बनाने का मतलब होगा कि CSAT के मार्क्स प्रारंभिक स्टेज में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त नंबरों में नहीं जोड़े जाएंगे और उन्हें इसमें केवल न्यूनतम 33 प्रतिशत मार्क्स प्राप्त करने होंगे.


पंजाब में छात्र क्या मांग कर रहे हैं?
पंजाब के छात्रों और भाषा समानता एवं अधिकार अभियान जैसे अलग अलग संगठनों ने मांग की है कि सीसैट पेपर के मार्क्स को योग्यता की गणना में नहीं जोड़ा जाना चाहिए.


हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों तथा उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, मध्य प्रदेश , राजस्थान और बिहार जैसे अन्य राज्यों ने पहले ही सीसैट को क्वालिफाइंग पेपर बना दिया है.


छात्र संगठनों का कहना है कि अंतिम योग्यता के लिए सीसैट को शामिल किए जाने से पंजाबी या हिंदी में अधिक कुशल गरीब और ग्रामीण छात्रों के साथ भेदभाव होता है. छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि निहित स्वार्थी तत्व, विशेष रूप से कोचिंग सेंटर माफिया, इस सुधार को विफल करने के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर योग्यता प्रबल हुई तो उनका फायदा कम हो जाएगा.


पिछली सरकारों ने क्या किया?
सीसैट को क्वालिफाइंग पेपर बनाने की मांग सबसे पहले शिरोमणि अकाली दल- भाजपा सरकार के दौरान उठाई गई थी, लेकिन सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. 2017 में कांग्रेस सरकार ने भी पीपीएससी की सिफारिशों और छात्र संगठनों और मुख्य विपक्षी दल आप की मांगों की अनदेखी की.


आप के सत्ता में आने के बाद ऐसी उम्मीदें हैं कि जब अगली बार पीसीएस परीक्षाएं होंगी तो पार्टी इस मांग के प्रति अधिक अनुकूल रुख अपनाएगी, क्योंकि विपक्ष में रहते हुए उसने इसका समर्थन किया था. विडंबना यह है कि कांग्रेस, जिसने 2017 से 2022 तक अपने शासनकाल के दौरान इसे लागू नहीं किया, अब इसे लागू करने की मांग कर रही है.


Sarkari Naukri: ITBP में निकली हैं सरकारी नौकरी, ये है एलिजिबिलिटी, एप्लिकेशन प्रोसेस, वैकेंसी और नोटिफिकेशन का लिंक


3 साल तक बंद रखा फोन! पहले किया SSC पास फिर 24 साल की उम्र में यूपीएससी क्रैक करके बन गईं IAS