Difference Between Group A B C and D Govt Jobs: हर साल इंडियन पब्लिक सेक्टर हजारों वैकेंसी निकालता है, जो लोगों को सरकारी विभाग में एक स्थिर और समृद्ध करियर बनाने का मौका देती हैं. लेकिन, कई बार जागरूकता और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की स्पष्टता की कमी के कारण, उम्मीदवार अपनी योग्यता के अनुसार सही पदों का चयन नहीं कर पाते. उदाहरण के तौर पर, कॉमर्स या साइंस बैक्ग्राउंड वाले अत्यधिक योग्य उम्मीदवार क्लेरिकल पदों के लिए आवेदन कर देते हैं, जो उनकी क्षमता के अनुरूप नहीं होते.


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ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए, सरकार ने सरकारी नौकरियों को चार ग्रुप में डिवाइड कर रखा है – ग्रुप A, B, C और D. इन ग्रुप के माध्यम से सरकारी कार्यों की संरचना को टॉप लेवल के पॉलिसीमेकर से लेकर ग्रासरूट लेवल के सपोर्ट स्टाफ तक डिवाइड किया गया है, और ये सभी शासन के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.


सरकारी नौकरियों के प्रकार: भूमिकाएं और जिम्मेदारियां
अगर आप सरकारी नौकरी पाने का सपना देख रहे हैं, तो यहां हर ग्रुप की ड्यूटी और उसके महत्व की डिटेल दी गई है, जो आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगी.



1. ग्रुप A नौकरियां (गजेटेड ऑफिसर)
ग्रुप A गवर्नमेंट सेक्टर की सबसे प्रतिष्ठित नौकरियों में गिना जाता है. इन पदों पर मुख्य रूप से पॉलिसी मेकर, एडमिनिस्ट्रेशन, स्ट्रेटेजिक प्लानिंग और लीडरशिप से जुड़ी जिम्मेदारियां होती हैं. इन्हें 'गजेटेड ऑफिसर' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इनकी नियुक्ति सरकारी गजट में प्रकाशित होती है.


इन पदों के लिए आमतौर पर उच्च शिक्षा – ग्रेजुएशन (बैचलर) या मास्टर डिग्री – आवश्यक होती है, जो किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से हो. साथ ही, उम्मीदवार को UPSC, इंजीनियरिंग सर्विस, या मेडिकल सर्विस जैसी कॉम्पिटिटिव परीक्षाएं पास करनी होती हैं.


IAS अधिकारी, IPS अधिकारी, IFS अधिकारी, DRDO/ISRO के साइंटिस्ट, और केंद्र सरकार के अस्पतालों के डॉक्टर इस कैटेगरी में आते हैं. इन पदों पर हाई सैलरी और ट्रैवल अलाउंस, सरकारी आवास, वाहन जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं.



2. ग्रुप B नौकरियां (गजेटेड और गैर-गजेटेड मिड-लेवल पोजिशन)
ग्रुप B पद ग्रुप A और निचले स्तर के पदों के बीच एक पुल की तरह काम करता है. इनमें कुछ पद गजेटेड होते हैं, जबकि कुछ नॉन-गजेटेड. इनकी जिम्मेदारियों में पॉलिसी को लागू करना, टीमों का मैनेजमेंट करना और ग्रुप A अधिकारियों को प्रशासनिक कार्यों में सहायता देना शामिल है.


सेक्शन ऑफिसर, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBIC) और सीमा शुल्क विभाग में इंस्पेक्टर, और सहायक इंजीनियर (Assistant Engineers) जैसे पद इस ग्रुप में आते हैं.


इन पदों के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री और SSC CGL (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) या राज्य लोक सेवा आयोग (State PSC) की परीक्षाएं पास करना जरूरी होता है.


इस ग्रुप में अच्छी सैलरी और कई अलाउंस मिलते हैं. साथ ही, ग्रुप B से ग्रुप A में प्रमोशन के कई अवसर भी होते हैं.



3. ग्रुप C नौकरियां (क्लेरिकल और ऑपरेशनल स्टाफ)
ग्रुप C पद मुख्य रूप से क्लेरिकल, एडमिनिस्ट्रेटिव और सपोर्टिव ड्यूटी को पूरा करते हैं. ये पद सरकारी तंत्र की रीढ़ माने जाते हैं. इनके तहत डेटा एंट्री, फाइल मैनेजमेंट, डॉक्यूमेंट तैयार करना और अन्य एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क की जिम्मेदारी होती है.


इस ग्रुप में पदों के लिए 12वीं पास या ग्रेजुएट की आवश्यकता होती है. क्लर्क, स्टेनोग्राफर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, और सरकारी कार्यालयों के सहायक इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं.


हालांकि, ग्रुप C में सैलरी और सुविधाएं मामूली होती हैं, लेकिन इनमें नौकरी की सुरक्षा, पेंशन, और मेडिकल इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. ग्रुप A और B की तुलना में इस ग्रुप में प्रमोशन की गति धीमी होती है.



4. ग्रुप D नौकरियां (सपोर्ट स्टाफ)
ग्रुप D कैटेगरी के कर्मचारी सरकारी तंत्र के सबसे निचले स्तर पर होते हैं. इन पदों पर अधिकार सीमित होते हैं, लेकिन सरकारी कार्यों के सुचारू संचालन में इनका योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है. इनकी जिम्मेदारियों में सफाई, रखरखाव, परिवहन, और अन्य सहायक कार्य शामिल होते हैं.


चपरासी, ड्राइवर, सुरक्षा गार्ड, और स्वीपर इस ग्रुप में आते हैं. इस समूह में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता होती है, जैसे कि 10वीं या 8वीं पास.


हालांकि, इन पदों पर सैलरी सामान्य होता है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभ, जैसे मेडिकल इंश्योरेंस और पेंशन, यहां भी दिए जाते हैं। साथ ही, समय के साथ ग्रुप D से ग्रुप C तक प्रमोशन का अवसर भी मिलता है.