Knowledge: अंग्रेजों से जुड़ा है Police Uniform का रंग, जानिए क्या है ये खाकी कनेक्शन?
Police Uniform Color: खाकी वर्दी को देख गर्व वाली अनुभूति होती है. पुलिस 24 घंटे जनता की सेवा में तैनात रहती है. आखिर क्या कारण है कि देशभर में पुलिस खाकी कलर की ही वर्दी पहनती है.
Police Uniform Color: दुनिया भर में लोग पुलिस के डर से कांपते हैं. पूरे विश्व में ज्यादातर पुलिस की यूनिफॉर्म व्हाइट या फिर ब्लैक कलर की ही होती है. जबकि, खाकी वर्दी इंडियन पुलिस की पहचान है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारतीय पुलिस की ड्रेस खाकी रंग की क्यों होती है? कोलकाता को छोड़ दिया जाए तो देश के लगभग सभी राज्यों की पुलिस खाकी वर्दी ही पहनती है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्या है खाकी वर्दी की कहानी...
वर्दी के लिए खाकी कलर ही क्यों चुना गया?
भारतीय पुलिस की असली पहचान खाकी कलर की ड्रेस है. हालांकि, देश में हर जगह की पुलिस खाकी रंग की ही वर्दी पहनती है. कोलकाता पुलिस व्हाइट कलर की यूनिफॉर्म पहनती है, जबकि पश्चिम बंगाल पुलिस खाकी वर्दी पहनती है.
अंग्रेजों के समय सफेद रंग की थी वर्दी
दरअसल, जब ब्रिटिशों ने हमारे देश में घुसपैठ करके उस पर धीरे-धीरे कब्जा कर लिया तब पुलिस की वर्दी सफेद रंग की हुआ करती थी, लेकिन इस कलर की यूनिफॉर्म लंबी ड्यूटी के दौरान गंदी हो जाती थी. इससे पुलिसकर्मियों को काफी परेशानी होती थी. बाद में ब्रिटिश ऑफिसर वर्दी बदलने की योजना लेकर आए.
ऐसे तैयार होता था खाकी रंग
पुलिस अधिकारियों ने एक ऐसा डाई बनाया, जिसका रंग 'खाकी' था. इस रंग को तैयार करने के लिए तब चाय पत्ती को चुना गया, जिसके बाद धीरे-धीरे पुलिस विभाग ने अपनी वर्दी का रंग खाकी ही कर लिया. हालांकि, अब सिंथेटिक कलर्स का इस्तेमाल किया जाता है. खाकी रंग हल्के पीले और भूरे रंग का मिश्रण है.
आजादी से 100 साल पहले 'नॉर्थवेस्ट फ्रंटियर' के गवर्नर के एजेंट सर हेनरी लॉरेंस ने पुलिसकर्मियों को खाकी रंग की वर्दी पहने देखकर आधिकारिक तौर पर खाकी रंग अपना लिया था. इस तरह भारतीय पुलिस की ऑफिशियल यूनिफॉर्म खाकी रंग की हो गई.
लॉरेंस ने दिसंबर 1846 में उत्तर-पश्चिम सीमा पर सेवा के लिए लाहौर में 'कोर ऑफ गाइड फोर्स' की स्थापना की, जो ब्रिटिश भारतीय सेना की एक रेजिमेंट थी. हाल ही में, देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अपनी एक अलग पहचान पाने के लिए अपने सैनिकों की वर्दी बदलने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव रखा था.