IAS Kajal Jawla: UPSC सिविल सेवा परीक्षा सबसे कठिन भर्ती परीक्षाओं में से एक है. उम्मीदवार जो भारत की आईएएस परीक्षा के लिए उपस्थित होने का निर्णय लेते हैं, वे कभी भी अपना दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति नहीं खो सकते हैं. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) यूपीएससी सीएसई के लिए उम्मीदवारों को केवल छह प्रयास (जनरल श्रेणी के लिए- अन्य कैटेगरी के लिए अलग अलग हैं) प्रदान करता है. किसी उम्मीदवार को अपने पहले या दूसरे प्रयास में परीक्षा में पास होना एक दुर्लभ अनुभव है. इसलिए UPSC CS परीक्षा में तैयारी में धैर्य और लगन की आवश्यकता होती है, लेकिन क्या होगा अगर कोई शादी कर लेता है या फुल टाइम जॉब में है? क्या आपको लगता है कि वे यूपीएससी के बडे़ सिलेबस को पढ़ने के लिए समय निकाल पाएंगे? यह एक सामान्य धारणा है कि महिलाएं शादी के बाद अपने यूपीएससी के सपने छोड़ देती हैं. हालांकि, आईएएस काजल जवला के पिता और पति ने उन्हें अपनी फुल टाइम नौकरी में 23 लाख के पैकेज के बावजूद इस पेशे को चुनने के लिए प्रेरित किया. 


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उनका घर नोएडा में था और नौकरी गुड़गांव में. ऐसे में काफी समय आने-जाने में लग जाता था. काजल विप्रो कंपनी की अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ सकती थी. ऐसे में वह कैब से आते-जाते समय रास्ते में पढ़ाई करती थीं. करीब तीन घंटे का समय उन्हें इसमें मिलता था. इस टाइम में वे ऐसे विषय चुनती थीं, जिसमें बहुत फोकस नहीं चाहिए. जैसे करेंट अफेयर्स के लिये न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ने का काम वे इस समय करती थीं. घर आने के बाद उनके पास पढ़ने के लिये एक-डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय नहीं बचता था पर इस टाइम पर वे पूरे फोकस से पढ़ती थीं. इसके साथ ही वीकेंड्स पर वे अपना पूरा-पूरा समय पढ़ाई पर खर्च करती थीं.


परीक्षा पास न कर पाने का कारण वह खुद की अधूरी तैयारी को ही मानती हैं. वे मानती हैं कि कमी उनके अंदर थी. पर अपने पति और परिवार के मोटिवेशन से उन्होंने हर बार पुरानी असफलता को भुलाकर नए सिरे से तैयारी की और अंततः 2018 में 28वीं रैंक के साथ सफलता पा ली. इससे पहले के सभी अटेम्पट्स में काजल प्री-परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं थीं. साल 2018 में उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि उनके इंटरव्यू के नंबर उस साल टॉप करने वाले कैंडिडेट के नंबर से भी ज्यादा थे.


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