How many countries made from India: सरकारी नौकरियों से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में देश के भौगोलिक भूभाग से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. ऐसे में आज बात अखंड भारतवर्ष की जिसको लेकर सोशल मीडिया में अक्सर दावा किया जाता है कि भारत से निकलकर आज कई देश अस्तित्व में हैं. इन दावों में कहा जाता है कि भारत की सीमाएं कभी अफगानिस्तान के आगे तक फैली थीं. ऐसे दावों के मुताबिक अफगानिस्तान को दुनिया इस्लामिक देश के रूप में जानती है, पर वो कभी हिंदू राष्ट्र था. कुछ मुस्लिम इतिहासकारों के मुताबिक 17वीं सदी तक अफगानिस्तान नाम का कोई देश नहीं था. अफगानिस्तान को प्राचीन काल में आर्याना, आर्यानुम्र वीजू, पख्तिया, खुरासान, पश्तूनख्वाह और रोह आदि नामों से पुकारा जाता था, जिसमें गांधार, कम्बोज, कुंभा, वर्णु, सुवास्तु जैसे इलाके थे. इस क्षेत्र को महाभारत काल से भी जोड़कर देखा जाता है.


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जानकारों की राय


हालांकि ब्रिटिश इंडिया में जब भारत का बंटवारा हुआ तब पाकिस्तान अलग देश बना. उसके बाद बांग्लादेश बनने तक ये सिलसिला चलता रहा. कई रिपोर्ट्स का कहना है कि ऐसे दावों में जिन देशों को भारत का हिस्सा माना जाता है कि वो भारत के कंट्रोल में कभी थे ही नहीं रहे, ऐसे में इन देशों को भारत का हिस्सा नहीं माना जा सकता है. ऐसे में आज आपको बताते हैं कि कौन-कौन से देश भारत से निकल कर अलग राष्ट्र बने हैं.


पाकिस्तान-  भारत का हिस्सा था. 15 अगस्त 1947 को धर्म के नाम पर बंटवारा हुआ और पाकिस्तान एक इस्लामिक देश बन गया. 


बांग्लादेश- आज का बांग्लादेश भी कभी भारत का हिस्सा था. इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता है. 1971 में हुए युद्ध में यहां के निवासियों को पाकिस्तानी अत्याचारों से मुक्त कराने के लिए सेना की मदद से बांग्लादेश का जन्म हुआ. जिसे अलग देश की मान्यता दिलाने में भारत की अहम भूमिका रही थी.


अब बात उन देशों की जिनपर एक्सपर्ट अलग-अलग राय रखते हैं.


नेपाल- कई लोगों का कहना है कि नेपाल भी भारत का हिस्सा था. भारत और नेपाल के बीच भगवान राम और गौतम बुद्ध की वजह से ऐतिहासिक रिश्तों की बात कही जाती है. मगर एक्सपर्ट का कहना है कि नेपाल कभी भी भारत या किसी कोनिइनल पावर के अधीन नहीं रहा है. 


बर्मा- इस इलाके पर अंग्रेजों की नजर थी. इसलिए ब्रिटेन के खिलाफ बर्मा के मूल निवासियों ने आंदोलन किया. कहा जाता है कि 1937 से पहले अंग्रेज इस इलाके पर अधिकार जमाने थे, फिर अंग्रेजों ने उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए 1937 में उसे भारत से अलग देश बना दिया.  


अफगानिस्तान- अफगानिस्तान के शासक और ब्रिटिश इंडिया के बीच समझौता हुआ था. इसे भी सीधा भारत का हिस्सा कहने पर मतभेद हैं.