IAF Pilot: महिलाएं आज के समय में किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. वे हर जगह खुद के अपनी काबिलियत के दम पर साबित कर रही है. आजादी के जश्न के इस माहौल में ये आर्टिकल देश की उन स्टूडेंट्स के लिए हैं जो कुछ बेहतर करके देश का नाम रोशन करना चाहती हैं. अगर आप अपने भविष्य को संवारना चाहती हैं और आपके अंदर देश सेवा का जज्बा है तो आप पायलट बनकर अपनी सेवाएं इंडियन एयरफोर्स में दे सकती हैं. यहां जानिए कि कैसे इंडियन एयरफोर्स में पायलट या फाइटर पायलट बनने के लिए आपको एंट्री मिलती है. 


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एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 फीसदी महिला पायलट्स हैं. आपको जानकर फ़क्र होगा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के मुताबिक यह वैश्विक औसत 5 प्रतिशत से तीन गुना है. हाल ही में सामने आए ये आंकड़े बताते हैं कि बदलते समय के सात ही महिलाएं वायुसेना में भी मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं. 


इंडियन एयर फोर्स में ऐसे मिलती है एंट्री
इंडियन एयर फोर्स में पायलट बनने के लिए एंट्री करके के चार तरीके हैं. इनमें नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए), कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम (सीडीएसई), एनसीसी इंट्री और शॉर्ट सर्विस कमीशन इंट्री (एसएससी).  हालांकि, इनमें पहले तीन तरीके पर्मानेंट कमीशन हैं और चौथा अस्थाई कमीशन है.


फाइटर पायलट बनने के ऑप्शन
एयरफोर्स में फाइटर पायलट बनने के दो बार मौके मिलते हैं. पहला है 12वीं पास करने के बाद और दूसरा ग्रेजुएशन के बाद. 12वीं के बाद आप एनडीए की परीक्षा में शामिल हो सकती हैं. जबकि, ग्रेजुएशन के बाद एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट एएफकैट टेस्ट में शामिल हो सकती हैं. एनडीए एग्जाम का आयोजन यूपीएससी कराती है, जबकि एएफकैट एग्जाम का आयोजन इंडियन एयरफोर्स के जरिए से होता है. इस संबंध में ज्यादा जानकारी जानने के लिए आपको संबंधित पोर्टल पर विजिट करना होगा. 


एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी कि एएफसीएटी और एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट यानी कि एएफसीएटी मेल और फीमेल दोनों कैंडिडेट्स के लिए होता है. यह लिखित परीक्षा  साल में दो बार आयोजित की जाती है. इस टेस्ट का आयोजन इंडियन एयर फोर्स द्वारा 14 वर्षों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन में नियुक्ति के लिए होता है.