UPSC Success Story: 2 बार नहीं कर पाई थीं UPSC प्रीलिम्स क्रैक, फिर बदली स्ट्रेटजी और बन गईं IAS
IAS Aashna Chaudhary: आशना ने दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से इंग्लिश लिटरेचर में बीए ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन किया है.
IAS Aashna Chaudhary Success Story: UPSC को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. यूपीएससी सीएसई 2023 में शामिल होने वाले कई कैंडिडेट्स ने भी कहा कि इस साल यूपीएससी प्रीलिम्स को क्रैक करना मुश्किल था. इससे पहले जून में, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने नतीजे घोषित किए थे, जिसमें कुल 14,624 कैंडिडेट्स ने प्रीलिम्स परीक्षा पास की थी. हालांकि, केवल कुछ उम्मीदवार ही तीनों फेज को पास कर पाए. ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जिन्होंने अपने दूसरे या तीसरे अटेंप्ट में परीक्षा पास की.
हम आपको एक ऐसी ही कैंडिडेट के बारे में बताएंगे जो अपने दो अटेंप्ट में यूपीएससी प्री एग्जाम भी पास नहीं कर पाई थीं, लेकिन अपने तीसरे अटेंप्ट में ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 116 हासिल की. इनका नाम है आशना चौधरी, लेकिन आशना चौधरी कौन है?
आशना चौधरी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में सफलता हासिल की. उन्होंने अपने तीसरे अटेंप्ट में एआईआर 116 हासिल की. उन्होंने एक साल की तैयारी के बाद 2020 में अपना पहला अटेंप्ट दिया, लेकिन वह एग्जाम क्लियर नहीं कर पाईं. अपने अगले अटेंप्ट में भी, वह प्रीलिम्स क्रैक करने में विफल रही और केवल 2.5 नंबर से पीछे रह गईं. आशना ने तब अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी में बदलाव किया और यूपीएससी परीक्षा के सभी फेज को 992 नंबरों के साथ क्लियर किया.
आशना ने दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से इंग्लिश लिटरेचर में बीए ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन किया है. आशना ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 2019 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की. उन्होंने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशन रिलेशन्स में मास्टर डिग्री की पढ़ाई भी शुरू की. उन्होंने एक एनजीओ के साथ भी काम किया है जो वंचित बच्चों को शिक्षित करने में मदद करता है.
वह उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा की रहने वाली हैं. उनके पिता डॉ अजीत चौधरी एक सरकारी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उनकी मां का नाम इंदु सिंह है. आशना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह अक्सर इंस्टाग्राम पर अपनी फोटो शेयर करती हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके करीब 65K फॉलोअर्स हैं.