IAS Success Story: अगर सपना देखो तो खुली आंखो से, ताकि उसे पूरा किया जा सके आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सिय के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने स्कूल में IAS बनने का सपना देखा था लेकिन वो पूरा हुआ जानिए कब. अनु कुमारी ने 2017 में UPSC क्लियर किया था और उनकी दूसरी रैंक आई थी. अनु ने आईएएस बनने का सपना कभी स्कूल में देखा और उनको लगा कि वह भूल गईं, लेकिन ऐसा नहीं था उनके मन में कहीं न कहीं वह पल रहा था. स्कूल के बाद IAS बनने का मन फिर ग्रेजुएशन के टाइम पर भी हुआ, लेकिन इसके लिए शायद उनकी फीलिंग इतनी स्ट्रॉन्ग नहीं थी और न ही यह कॉन्फिडेंश था कि सेल्फ स्टडी से सिलेक्शन हो जाएगा. साथ ही फाइनेंशियल कंडीशन ऐसी नहीं थी कि कोचिंग का खर्चा उठा पाएं. तो उस सपने को फिर छोड़ दिया.


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ग्रेजुएशन के बाद Anu Kumari ने MBA किया और उसके बाद करीब 9 साल तक नौकरी की. तैयारी के लिए बेटे से भी दूर रहना पड़ा. वह उस समय 3 साल का था. नौकरी के दौरान धीरे धीरे मन बनाना और गट्स जुटाए कि हां नौकरी छोड़कर UPSC की तैयारी करनी है. अनु ने बताया कि ऐसा नहीं था कि शादी हो गई तो नौकरी छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि इतनी अंडरस्टेंडिंग थी कि हां नौकरी नहीं छोड़नी पड़ेगी. हां लेकिन ये कभी नहीं सोचा था कि हां शादी होने के बाद ये सपना जो कभी इतने समय पहले कभी देखा था उसे में साकार कर पाउंगी. वो कभी नहीं सोचा था. मुझे आज भी याद है कि कई बार में बैठकर में अपने हसबैंड से उनसे बातें कर रही होती थी कि कभी मन होता था कि शायद IAS का पेपर दूं और मैं बस आराम से ये कहकर बात खत्म हो जाती थी. तो कभी ऐसा रिलाइजेशन नहीं हुआ कि मैं ये सब भी उठाउंगी और शादी के बाद ये करूंगी.  


12 से 9 बजे तक की नौकरी नहीं करने की फीलिंग मजबूत होती जा रही थी लेकिन फाइनेंशियल जरूरतों की वजह से इसे छोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी कि सबकुछ छोड़छाड़कर एक बड़ा डिसिजन बड़ा रिस्क लूं. क्योंकि ये भी नहीं कह सकते कि सिलेक्शन हो ही जाएगा और जब हो गया है तो ऐसा लगा कि अच्छा हो गया है. नहीं तो इससे पहले तो ऐसा लगता था कि कोई एलियन टाइप के ही लोग होते हैं जो इस एग्जाम को क्लियर करते हैं. यह फैसला बहुत रिस्की थी परिवार वालों ने बहुत सहारा दिया है. हौसला बढ़ाया जिसके कारण ही में ये सब करने की हिम्मत जुटा पाई.


भाई की जिद पर बनी IAS


वो पल जब लगा कि हां UPSC करना चाहिए, 2016 के रिजल्ट में जब टीना डाबी ने टॉप किया तो मेरे भाई ने न्यूजपेपर पढ़ा और कहा कि मेरी बहन भी यहां हो सकती है और उस दिन से ही उसने बहुत बोलना शुरू किया कि हां तू भी एग्जाम दे ले, एग्जाम दे ले. तो मैंने कहा कि पागल हो गया है क्या इतना टाइम हो गया है, मैं अब दोबारा पढ़ाई नहीं कर सकती हूं. भाई ने बिना बताए फॉर्म भर दिया और फिर नौकरी छोड़ने के लिए कहने लगा. इसके साथ ही मामाजी का SMS आया कि अगर तुम नौकरी छोड़कर तैयारी करने के लिए तैयार हो तो तुम्हारा और तुम्हारे बेटे का डेढ दो साल का खर्चा मैं उठाने के लिए तैयार हूं. तुम्हें इसके बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. इस मैसेज में मुझे बहुत कॉन्फिडेंश मिला. पता नहीं उस मैसेज में ऐसा क्या था और इस मूमेंट से फाइनल हो गया कि अब UPSC क्लियर करना है.


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