IAS Divya Mishra Success Story: जीवन में सफलता के लिए दो गुण जरूरी हैं, समर्पण और प्रयास. हर साल लाखों स्टूडेंट्स यूपीएससी परीक्षा देते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही इसे पास करने में सफल हो पाते हैं और अपनी सफलता की कहानी शेयर कर पाते हैं. हालांकि, उरी हमले ने इस कहानी को असाधारण बनाने के लिए सफल होने की महत्वाकांक्षा को जगाया. आईएएस अधिकारी दिव्या मिश्रा ने अपने भाई को सेना में शामिल होते देखकर सरकार के लिए काम करने का फैसला किया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आईएएस दिव्या ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया, "मेरे भाई को भारतीय सेना के लिए चुना गया था. अब, उसके पास लेफ्टिनेंट का पद है. मेरे परिवार में कोई भी रक्षा बलों में शामिल नहीं हुआ. भाई के सेलेक्शन के बाद, एक अलग एक्सपीरिएंस था. इस बीच, उरी हमला हुआ. इसने मुझमें नई भावनाओं को जगाया और मुझे सिविल सेवा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. क्योंकि मैं भी आज के मुताबिक, अपने अनोखे तरीके से देश की सेवा करना चाहती थी."


Who is IAS Divya Mishra?


दिव्या मिश्रा के माता-पिता दोनों टीचर थे, इसलिए उनका पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के कानपुर में लगातार सीखने वाले माहौल में हुआ. दिव्या ने शुरुआती पढ़ाई उन्नाव जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई. उन्होंने फिर बी.टेक पूरा किया. तीन साल तक एक कंपनी में काम किया. इसके अलावा उन्होंने आईआईएम से पीएचडी की. उन्होंने अपनी पढ़ाई में लगातार शानदार प्रदर्शन किया.


दिव्या को शुरुआत में कई बार यूपीएससी की परीक्षा में फेल होना पड़ा. उसने यूपीएससी के लिए पढ़ाई शुरू की, हालांकि, वह केवल 4 नंबर के साथ परीक्षा पास नहीं कर पाईं. अपने दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने अपने दूसरे अटेंप्ट में परीक्षा पास की, लेकिन कम रैंक के कारण उनका आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा नहीं हो पाया.


साल 2020 में दिव्या ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. उन्होंने इस बार आईएएस अधिकारी बनकर 28वीं रैंक हासिल की. दिव्या यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को सलाह देती हैं कि वे असफलता से निराश न हों, बल्कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें और ईमानदारी से फिर से प्रयास करें.


नई नौकरी की तलाश में हैं तो तुरंत क्लिक करें


भारत की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं