IAS या IPS अधिकारी बनना कई लोगों का सपना होता है. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास फुल टाइम सिक्योर जॉब है, फिर भी वे अधिकारी बनने के अपने जुनून का पीछा करते हैं. यूपीएससी परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है. जहां कुछ कैंडिडेट्स पहले ही अटेंप्ट में सफल हो जाते हैं, वहीं अन्य कुछ कई अटेंप्ट के बाद सफलता पाते हैं. 


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आज आपको दिव्यांशु चौधरी की स्टोरी बता रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा 2020 में ऑल इंडिया रैंक 30 हासिल की. उनके पास बैंक की अच्छी नौकरी थी, लेकिन यूपीएससी उनके मन में था. उनकी स्ट्रेटजी इतनी सटीक थी कि दूसरे अटेंप्ट में ही उन्हें सफल हो गए.


दिव्यांशु राजस्थान के जयपुर से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जयपुर से की. इंटरमीडिएट के बाद, उन्होंने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की, जिसके बाद उन्होंने आईआईएम (आईआईएम), कोलकाता से एमबीए की डिग्री प्राप्त की, फिर एक बैंक में नौकरी करनी शुरू कर दी. एक साल तक काम करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला किया, जिसकी तैयारी के लिए वे दिल्ली आ गए.


दिव्यांशु ने पहले तय किया था कि उनके पास ऑप्शनल सब्जेक्ट मैथ्स होगा क्योंकि यह एक स्कोरिंग सब्जेक्ट था. उन्होंने कोचिंग मटेरियल से पढ़ाई करने के बजाय इंटरनेट पर उपलब्ध बुनियादी संसाधनों का इस्तेमाल किया. उन्होंने जितना हो सका रिवीजन भी किया और 80 से 100 मॉक टेस्ट पेपर हल किए. इन तीन बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह मानकर मेहनत की कि प्रीलिम्स परीक्षा पर भी विशेष फोकस होना चाहिए. यदि आप पहले चरण में बेहतर करेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा.


दिव्यांशु का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान आपको कड़ी मेहनत करनी होगी. उनका कहना है कि ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए. तैयारी के लिए आप इंटरनेट पर उपलब्ध कंटेंट का उपयोग कर सकते हैं. दिव्यांशु के अनुसार, यूपीएससी एग्जाम को क्रैक करने के लिए रिवीजन और राइटिंग प्रक्टिस बहुत जरूरी है.


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