IAS Rajdeep Singh Khaira Success Story: हम अक्सर ऐसे लोगों के बारे में सुनते हैं जिन्होंने असफलता का सामना किया और हार मान ली, लेकिन इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी कड़ी मेहनत और लगन की स्टोरीज इंस्पायरिंग हैं. ऐसी है लुधियाना के डॉ. राजदीप सिंह खैरा की कहानी, जिन्होंने सालों तक कड़ी मेहनत की और आखिरकार 2020 की यूपीएससी परीक्षा में 495वीं रैंक हासिल की.


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राजदीप लुधियाना के जमालपुर के सिविल अस्पताल में बतौर मेडिकल ऑफिसर काम करते थे. कई कैंडिडेट्स की तरह उनके लिए भी IAS बनने का सफर आसान नहीं था. इंटरव्यू से ठीक पहले उन्होंने अपने पिता को भी खो दिया था.


4 बार हुए थे फेल
यह 5वीं बार था जब डॉ राजदीप सिंह खैरा यूपीएससी परीक्षा के लिए उपस्थित हुए. वह इससे पहले दो बार यूपीएससी सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू राउंड में पहुंचे थे. इस सफलता के बाद उन्होंने कहा, "लक्ष्य प्राप्त करने से पहले कभी मत छोड़ो. छोड़ना कोई विकल्प नहीं होना चाहिए. हम सभी को कभी न खत्म होने वाला रवैया रखना चाहिए. मैं कई बार असफल हुआ लेकिन तब तक प्रयास करता रहा जब तक मैं सफल नहीं हो गया."


पिता को खोने के बाद यूपीएससी आसान नहीं था
मई 2021 में COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान राजदीप के पिता की मृत्यु हो गई और वे सितंबर 2021 में UPSC सिविल सेवा इंटरव्यू के लिए उपस्थित हुए. उन्होंने चार बार परीक्षा पास की और दो बार इंटरव्यू के दौर में पहुंचे लेकिन सफलता उनसे एक कदम दूर थी. इस बार उन्होंने तमाम मुश्किलों का सामना किया और पूरी तैयारी के साथ इंटरव्यू देने पहुंचे. उनकी लगन और मेहनत रंग लाई.


MBBS
राजदीप ने 12वीं की पढ़ाई सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, चंडीगढ़ रोड, लुधियाना और सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, सराभा नगर, लुधियाना से की है. उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और पटियाला के राजेंद्र अस्पताल से एमबीबीएस किया. वह 2017 से सिविल अस्पताल, कूम कलां लुधियाना में एक मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम करने लगे.


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