IAS Story: बेटी आईएएस बन जाए इसलिए घरवालों ने देखना छोड़ दिया TV, पढ़िए सेकेंड टॉपर की पूरी कहानी
IAS Jagrati Awasthi: जागृति ने कहा कि कोई भी व्यक्ति एक साल में सिलेबस पूरा कर सकता है यदि वह इसके लिए शत-प्रतिशत समर्पित है. आईएएस बनने के लिए जागृति ने इंजीनियरिंग छोड़ी तो उनके माता पिता ने भी बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया.
IAS Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2020 की दूसरी टॉपर जागृति अवस्थी का कहना है कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सेंध लगाने के लिए सोना और पढ़ना बहुत जरूरी है. जागृति अवस्थी मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं. उनके परिवार में माता-पिता और एक भाई है. जागृति के पिता एससी अवस्थी पेशे से होमियोपैथ हैं. वहीं उनकी मां एक स्कूल टीचर थी, हालंकि जागृति की पढ़ाई में मदद करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी. जागृति का एक भाई भी है जो एमबीबीएस कर रहा है.
आईएएस बनने के लिए जागृति ने इंजीनियरिंग छोड़ी तो उनके माता पिता ने भी बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया. मां ने बेटी की मदद के लिए टीचर की नौकरी छोड़ी तो घर पर चार साल से टीवी को ऑन भी नहीं किया गया. ये सारे बलिदान जागृति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे. पहले प्रयास में जागृति प्रीलिम्स में भी पास नहीं हो सकी थीं लेकिन उन्होंने दृढ़ निश्चय किया और दूसरे प्रयास में टॉपर बन गयीं.
जागृति ने कहा कि कोई भी व्यक्ति एक साल में सिलेबस पूरा कर सकता है यदि वह इसके लिए शत-प्रतिशत समर्पित है. “दिन में आठ से नौ घंटे का नियमित अध्ययन सिलेबस को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. यदि आप काम कर रहे हैं तो आपको दिन में कम से कम चार से पांच घंटे समर्पित करना चाहिए."
जागृति अवस्थी के मुताबिक कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लेना जरूरी है. “हर किसी को अपने टाइम टेबल में हमेशा सोने का समय रखना चाहिए. हर दिन सात घंटे की नींद ने मेरी सफलता में अहम भूमिका निभाई. बहुत से लोग अपनी नींद के घंटे बढ़ाते हैं और अपने मस्तिष्क को उचित आराम न मिलने के कारण शायद ही सो पाते हैं. यदि आप अच्छी नींद लेते हैं तो ही आप बेहतर तैयारी कर सकते हैं, ”जागृति अवस्थी का सुझाव है.
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