IPS Dhruv Kant Thakur Success Story: यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जान को क्वालीफाई कर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी बनना उन लाखों युवाओं का सपना होता है, जो दिन-रात इसकी तैयारी में लगे रहते हैं. अगर आप भी यूपीएससी का एग्जाम देने जा रहे हैं तो आईपीएस ध्रुव कांत ठाकुर की कहानी आपको इंस्पायर करेगी. इस कहानी से आपको भी कठिन परिस्थिति का सामना कर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी. इसके साथ ही हम आपसे शेयर करने जा रहे हैं 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिता के जाने के बाद चाचा ने उठाई जिम्मेदारी
आईपीएस अधिकारी ध्रुव कांत ठाकुर  1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, वह बिहार के मधेपुरा से हैं. ध्रुव जब तीसरी कक्षा में थे, तभी उन्होंने अपने पिता को खो दिया.  पिता के जाने के बाद ध्रुव के चाचा ने उनकी जिम्मेदारी उठाई. 


संस्कृत से हुई है पूरी पढ़ाई
ध्रुव गुरुकुल से पढ़े हैं, उन्होंने दरभंगा के संस्कृत यूनिवर्सिटी से आचार्य की डिग्री हासिल किया. हमेशा से मेहनती छात्र रहे ध्रुव को सिविल सर्विसेज के साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता मिली है. आईपीएस ध्रुव के मुताबिक सिविल सर्विस एग्जाम पास करने के लिए मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसे बैकग्राउंड का होना जरूरी नहीं है. 


संस्कृत से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ध्रुव ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. इस दौरान उन्हें अलग-अलग विषयों के बारे में पता चला और वह उनमें भी दिलचस्पी भी रखने लगे. ध्रुव ने 1991 से 1993 तक करीब 5 इंटरव्यू दिए, जिसमें अलग-अलग स्टेट पीसीएस समेत यूपीएससी के इंटरव्यू भी शामिल है. इन सभी इंटरव्यू में ध्रुव का चयनित हुए, लेकिन वह तय नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें कौन सा विभाग जॉइन करना चाहिए. इसके बाद वह 1994 बैच में बतौर आईपीएस शामिल हुए. 


फैक्ट्स और फिगर्स 
आईपीएस ध्रुव कांत ठाकुर बताते हैं कि प्रीलिम्स की तैयारी के लिए तथ्यों को ध्यान में रखें. प्रीलिम्स में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न होते हैं. अगर आप यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम में सफलता पाना चाहते हैं तो फैक्ट्स और फिगर्स के मुताबिक ही तैयारी करें.


आंसर राइटिंग की करें प्रैक्टिस
मेन्स की तैयारी के लिए ज्यादा से ज्यादा आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करना जरूरी है. इसके साथ ही अपने आंसर की क्वालिटी पर भी ध्यान दें. क्वालिटी बेस्ट होगी तो इसका नतीजा भी बेहतर आएगा. 


पर्सनालिटी टेस्ट
ध्रुव कांत ठाकुर का कहना है कि इंटरव्यू के दौरान खुद को कॉन्फिडेंट रखें, ये उम्मीदवारों का पर्सनालिटी टेस्ट होता है. अगर जवाब पता हैं तो बेझिझक आंसर करें और अगर आंसर नहीं पता है तो कॉन्फिडेंस के साथ माफी मांग लें. 


क्लियर हो जवाब 
वहीं, आप जितने भी सवालों के जवाब देते हैं, तो यह ध्यान रखें कि सारे जवाब क्लियर हो और फैक्ट पर आधारित हो.