UPSC Success Story: किसी की गई आंखों की रोशनी, किसी ने छोड़ी लाखों की नौकरी, मेहनत के दम पर यूं बने IAS
Motivational Story: यूं तो किसी भी परीक्षा को पास करना आसान नहीं है. UPSC सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है. इसे पास करना किसी के लिए भी मुश्किल है, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी राह सामान्य से ज्यादा कठिन रही लेकिन अपने हौसलों के दम पर इन्होंने जो ठानी वो कर दिखाया.
IAS Success Story: UPSC की परीक्षा (Exam) भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से है. जहां सामान्य लोग वर्षों की तैयारी के बाद भी कई बार इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाते, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनका जीवन सामान्य से ज्यादा मुश्किल रहा, रास्ते में कई बाधाएं आईं, लेकिन वे रुके नहीं और आज देश की सबसे प्रतिष्ठित सर्विस में अधिकारी हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ अफसरों की संघर्ष से भरी दिलचस्प दास्तान.
सम्यक जैन
सम्यक जैन शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे थे. ग्रेजुएशन (Graduation) के दौरान अचानक उनकी आंखों की रोशनी धीमी पड़ गई. बाद में पता चला कि उन्हें नजर की मैकुलर डिजनरेशन (Macular Degeneration) नाम की लाइलाज बीमारी हो गई है. इस वजह से सम्यक ने पढ़ाई छोड़ने का निर्णय लिया और ओपन परीक्षा देकर अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. सम्यक पढ़ाई में काफी अच्छे थे इस वजह से दोस्तों ने पत्रकारिता (Journalism) करने का सुझाव दिया और फिर सम्यक ने आईआईएमसी (IIMC) का एक्जाम क्रेक किया और देश के सर्वश्रेष्ठ पत्रकारिता संस्थान आईआईएमसी में दाखिला ले लिया. सम्यक इसके बाद जेएनयू गए और उस दौरान आईएएस बनने का जज्बा जगा. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने दूसरे अटेंप्ट में यूपीएससी (Upsc) की परीक्षा पास की. दृष्टि बाधा होने की वजह से सम्यक की कॉपी उनकी मां ने लिखी थी.
ऋतुराज प्रताप
ऋतुराज प्रताप बिहार के मैनपुरी से हैं. यूपीएससी (Upsc) ऋतुराज नहीं बल्कि उनके पिता का सपना था. उन्होंने अपने पिता के सपनों के खातिर यूपीएससी की परीक्षा पास करने की ठानी. ऋतुराज का ये सफर आसान नहीं था. वे पहले से रिलाइंस रिफाइनरी में इंजीनियर के पद पर काम करते थे. उनका पैकेज 18 लाख के करीब था, लेकिन यूपीएससी के खातिर ऋतुराज ने ऐसी नौकरी को छोड़ दिया.
आयुषी
आयुषी पूरी तरह से नेत्रहीन हैं. वे बचपन से ही मेहनती रहीं और हर परीक्षा को अच्छे तरीके से पार किया. आयुषी ने स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक हर जगह टॉप किया. अपनी दृष्टिहीनता को उन्होंने कभी भी कमजोरी की तरह नहीं लिया और हर मुश्किल को पार कर यूपीएससी की परीक्षा पास की.
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