How to become IAS officer: सेल्‍फ मेड सफलता की कहानियां दृढ़ निश्चय और दृढ़ता की शक्ति का प्रमाण हैं. ऐसी ही एक प्रेरक सफलता की कहानी IAS अनुराधा पाल की है, जिन्होंने अपने जीवन में कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की और सफल होकर द‍िखाया. अनुराधा का जन्म और पालन-पोषण हरिद्वार के एक छोटे से गांव में एक साधारण परिवार में हुआ. बचपन में उन्हें कई आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उनके पिता दूध बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे.


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इसके बाद उन्होंने हरिद्वार के जवाहर नवोदय विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और कॉलेज की श‍िक्षा के ल‍िए अनुराधा दिल्ली चली आईं. यहां उन्होंने जी.बी. पंत विश्वविद्यालय में एडम‍िशन ल‍िया. उन्‍होंने बैचलर ऑफ टेक्‍नोलॉजी से अपना ग्रेजुएशन पूरा क‍िया. 


फुल टाइम जॉब करते हुए UPSC में पाई AIR 75, ऐसे बना फिल्म स्टार का बेटा IAS


 


फीस भरने को पढ़ाया ट्यूशन :
घर में परेशानियों के चलते उन्होंने टेक महिंद्रा में काम किया. कुछ समय तक वहां काम करने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि यूपीएससी ही उनका असली सपना और लक्ष्य है. फिर उन्होंने रुड़की के एक कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर काम किया और यूपीएससी की तैयारी के साथ-साथ पढ़ाई भी की. अपनी कोचिंग की फीस के लिए उन्होंने छात्रों को ट्यूशन भी पढ़ाया. इसके बाद उन्होंने साल 2012 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर लिया. लेकिन उस समय उनका AIR 451 था, इसलिए उन्होंने दिल्ली में एक IAS एकेडमी जॉइन कर ली, जिससे उनकी तैयारी और बेहतर हुई. चूंकि वह नौकरी भी कर रही थीं, इसलिए उन्होंने स्मार्ट तरीके से छोटे-छोटे लक्ष्य हासिल करने के लिए समय का मैनेजमेंट बहुत सावधानी से  किया. 


आखिरकार, उन्होंने साल 2015 में अपने दूसरे प्रयास में 62 की AIR के साथ UPSC पास कर लिया. वह वर्तमान में उत्तराखंड में बागेश्वर की जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं.