Kanpur News: कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव में उस समय बड़ी घटना हुई. जब अतिक्रमण को हटाने गई टीम के सामने संदिग्ध परिस्थितियों में झोपड़ी में आग लगने की वजह से मां बेटी की जलकर मौत हो गई थी. घटना होते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया और मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों के विरोध के चलते मौके से चले गए थे. मां बेटी के जिंदा जलने की सूचना पर कानपुर जोन के एडीजी आलोक सिंह, आईजी, मण्डलायुक्त कानपुर डॉ राजशेखर सहित वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और घटना की जांच शुरू कर दी. 


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वही घटना की जानकारी मिलते ही यूपी की राज्य मंत्री एवं अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रतिभा शुक्ला भी मौके पर पहुंची पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया. पीड़ित परिवार ने प्रशासनिक कार्रवाई पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिले की डीएम समेत प्रशासनिक अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की गुहार लगाई है.


राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष पंडित शेखर दीक्षित ने कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मैथा तहसील के गांव मडौली गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की और उसके बाद उन्होंने वहीं से प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से बात कर कार्यवाही की मांग की और पीड़ित के छोटे बेटे अंश से बात करवाई. उसके बाद सरकार ने परिवार के दोनों बेटो को 5-5 लाख रुपये की सहायता देने की बात कही और गुरुवार को खुद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक परिवार को मुख्यमंत्री से भेट भी करवाएंगे. 


वही घटना के बाद आनन फानन में पीड़ित परिवार की तहरीर पर  SDM, लेखपाल SHO सहित 40 लोगों पर 302, 307, 436, 429, 323, की धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया है जिसमे अनिल दीक्षित,अशोक दीक्षित उपजिला अधिकारी और रूरा कोतवाली प्रभारी सहित कई पुलिस कर्मी शामिल हैं. वहीं देर शाम परिवार और गांव वालो के शांत होने के बाद पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे और मृतका के पति को हेलेट अस्पतात में भर्ती किया गया है जहां उसका इलाज जारी है. 


यह पूरा मामला रूरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मैथा तहसील के गांव मडौली का है, यहां के रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित का ग्राम सभा की परती पड़ी जमीन पर मकान बना था, जिसकी शिकायत पर तहसील प्रशासन ने कृष्ण गोपाल दीक्षित के मकान को करीब एक माह पहले गिरा दिया था. आरोप है पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाईं थी, लेकिन उसकी एक न सुनी गई उल्टे उसे भगा दिया गया था. जिसके बाद पीड़ित परिवार झोपडी में रहकर जीवन यापन कर रहा था. 


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